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Delhi School Re-opening - दिल्ली के क्लास नर्सरी से 8th तक के स्कूल अब खुलने वाले हैं। इनको खोलने की डेट 1 नवंबर तय की गयी है। जैसे ही दशहरा खत्म होगा वैसे ही स्कूल खुलना चालू हो जाएंगे। स्कूल खुलने के बाद से सभी रुल्स को फॉलो करना जरुरी है। रुल्स जैसे कि फेस मास्क लगाना, हाँथ सेनिटाइज़ करना ओर सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करना। इन स्कूलों ने अब अटेंडेंस भी कंपल्सरी कर दी है और स्कूल में थर्मल स्क्रीनिंग, बीच बीच में ब्रेक लेना ओर एक दूसरे से डिस्टेंस बनाकर रखना जरुरी होगा।
इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के चीफ़ डॉक्टर भार्गव ने कहा है कि छोटे बच्चे वायरल इन्फेक्शन को ज्यादा अच्छे से हैंडल कर लेते हैं। स्कूल जब खुलेंगे तब यह निश्चित किया जायेगा कि पूरा स्टाफ वक्सीनेटेड हो और उसके बाद ही प्राइमरी स्कूल खोले जाएं। मुंबई के मेयर किशोरी पेडनेकर का भी कहना है कि मुंबई और इसके आस पास के स्कूल खुलने के फैसला दिवाली के बाद ही लिया जाएगा।
तेलंगाना स्टेट ने स्कूल रिओपनिंग को लेकर फ़िलहाल स्टे लगा दिया है और हाई कोर्ट के आर्डर को जिस में उन्होंने कहा कि 1 सितम्बर से स्कूल खुलने चाहिए को मना कर दिया है। इनका कहना है कि एक बार दिवाली निकाल जाये उसके बाद ही इसको लेकर फाइनल फैसला किया जाएगा। स्कूल खुलना मतलब बच्चों को रिस्क में डालने जैसा हो रहा है क्योंकि अभी कोरोना पूरे तरीके से गया नहीं है और कब तक जाएगा इसका भी कुछ पता नहीं है। अगर सभी स्कूल धीरे धीरे खोल दिए जाते हैं हो सकता है कोरोना की तीसरी लहर आने का कारण यही बन जाए।
हाल में बच्चों की वैक्सीन को लेकर भी कोई फैसला नहीं आया है। ऐसा कहा जा रहा है कि 21 सितम्बर तक भारत बायोटेक की फेज 1 ओर 2 की बच्चों के लिए कोवैक्सीन का ट्रायल हो जाएगा। इंडिया में अभी पिछले कुछ दिनों से 20,000 से भी कम केसेस आ रहे हैं। यह एक अच्छा साइन है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो स्कूल जल्द ही हम कोरोना पर पकड़ पा लेंगे।
Delhi School Re-opening
इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के चीफ़ डॉक्टर भार्गव ने कहा है कि छोटे बच्चे वायरल इन्फेक्शन को ज्यादा अच्छे से हैंडल कर लेते हैं। स्कूल जब खुलेंगे तब यह निश्चित किया जायेगा कि पूरा स्टाफ वक्सीनेटेड हो और उसके बाद ही प्राइमरी स्कूल खोले जाएं। मुंबई के मेयर किशोरी पेडनेकर का भी कहना है कि मुंबई और इसके आस पास के स्कूल खुलने के फैसला दिवाली के बाद ही लिया जाएगा।
तेलंगाना स्टेट ने स्कूल रिओपनिंग को लेकर फ़िलहाल स्टे लगा दिया है और हाई कोर्ट के आर्डर को जिस में उन्होंने कहा कि 1 सितम्बर से स्कूल खुलने चाहिए को मना कर दिया है। इनका कहना है कि एक बार दिवाली निकाल जाये उसके बाद ही इसको लेकर फाइनल फैसला किया जाएगा। स्कूल खुलना मतलब बच्चों को रिस्क में डालने जैसा हो रहा है क्योंकि अभी कोरोना पूरे तरीके से गया नहीं है और कब तक जाएगा इसका भी कुछ पता नहीं है। अगर सभी स्कूल धीरे धीरे खोल दिए जाते हैं हो सकता है कोरोना की तीसरी लहर आने का कारण यही बन जाए।
हाल में बच्चों की वैक्सीन को लेकर भी कोई फैसला नहीं आया है। ऐसा कहा जा रहा है कि 21 सितम्बर तक भारत बायोटेक की फेज 1 ओर 2 की बच्चों के लिए कोवैक्सीन का ट्रायल हो जाएगा। इंडिया में अभी पिछले कुछ दिनों से 20,000 से भी कम केसेस आ रहे हैं। यह एक अच्छा साइन है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो स्कूल जल्द ही हम कोरोना पर पकड़ पा लेंगे।