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शादी दो लोगों और दो परिवारों को जोड़ने का काम करती है और ऐसे में हर किसी को हक है अपने मन मुताबिक अपनी शादी करने और अपनी शादीशुदा जिंदगी को जीने का।महाराष्ट्र के शर्दुल कदम और तनुजा पाटिल ने भी कुछ इस तरह से ही अपनी शादी को थोड़ा हट के और समाज के रूढ़ीवादी विचारों से परे होकर धूमधाम से मनाया। रीतियों से आगे बढ़ इस दुल्हे ने पहना मंगलसूत्र -
शर्दुल और तनुजा एक ही कॉलेज से ग्रेजुेएशन कर के पास हुए। शर्दुल बताते हैं कि वे और तनुजा ग्रेजुएशन के 4 साल बाद एक दूसरे के करीब आए और उनकी बातें बढ़ी। फिर एक दिन उन्होंने अपनी भावनाओं को एक दूसरे के सामने व्यक्त किया और ऐसे ही वे एक दूसरे के प्यार में पड़े।
सितंबर 2020 में जैसे ही कोरोना की पहली लहर फीकी होने लगी तब ही उन दोनों ने शादी का फैसला किया और शादी की तैयारियों के दौरान शर्दुल ने तनुजा से शादी में खुद भी मंगलसूत्र पहनने की बात की और ऐसे ही दोनों ने शादी में मंगल सूत्र पहनने का निश्चित किया।
शर्दुल के मंगलसूत्र पहनने और शादी के खर्चे में आधी आधी हिस्सेदारी के फैसले पर उनके माँ बाप का व्यवहार सवालिया था पर वे राज़ी हो गए। शादी के दौरान जब दुल्हन ने दुल्हे को मंगलसूत्र पहनाया तब काफी लोगों के मुँह सिकुड़े हुए थे पर शर्दुल और तनुजा खुश थे।
शादी के फोटोस वायरल होने के बाद काफी लोगों ने शर्दुल को 'फेक फेमिनिस्ट', ' अब साड़ी भी पहन ले', ' क्या तुम ब्लीड भी करते हो?', ' हाहा दुल्हे ने पहना मंगलसूत्र' जैसे शब्दों के साथ बेइज़्ज़त करने की कोशिश की पर शर्दुल अपने फैसले पर अटल रहे और अब वे दोनों एक दूसरे के साथ अपनी ज़िंदगी अच्छे से व्यतीत कर रहें हैं और शर्दुल के शब्दों में 'दुनिया की कौन चिंता करता है' ज़िंदगी जीने का अलग और खुशनुमा रुख दिखता है।
दुनिया में हर समाज अपने रीति- रिवाजों से ही अपनी संस्कृति को पहचान देता है। रीति रिवाज़ों को हमने ही बनाया है और इन रीति रिवाज़ों में अगर कोई बदलाव करने की ज़रूरत पड़े तो ज़रूर करना चाहिए।
कहानी का दिलचस्प मोड़
शर्दुल और तनुजा एक ही कॉलेज से ग्रेजुेएशन कर के पास हुए। शर्दुल बताते हैं कि वे और तनुजा ग्रेजुएशन के 4 साल बाद एक दूसरे के करीब आए और उनकी बातें बढ़ी। फिर एक दिन उन्होंने अपनी भावनाओं को एक दूसरे के सामने व्यक्त किया और ऐसे ही वे एक दूसरे के प्यार में पड़े।
सितंबर 2020 में जैसे ही कोरोना की पहली लहर फीकी होने लगी तब ही उन दोनों ने शादी का फैसला किया और शादी की तैयारियों के दौरान शर्दुल ने तनुजा से शादी में खुद भी मंगलसूत्र पहनने की बात की और ऐसे ही दोनों ने शादी में मंगल सूत्र पहनने का निश्चित किया।
मंगलसूत्र के फैसले पर लोगों का बर्ताव
शर्दुल के मंगलसूत्र पहनने और शादी के खर्चे में आधी आधी हिस्सेदारी के फैसले पर उनके माँ बाप का व्यवहार सवालिया था पर वे राज़ी हो गए। शादी के दौरान जब दुल्हन ने दुल्हे को मंगलसूत्र पहनाया तब काफी लोगों के मुँह सिकुड़े हुए थे पर शर्दुल और तनुजा खुश थे।
शादी के फोटोस वायरल होने के बाद काफी लोगों ने शर्दुल को 'फेक फेमिनिस्ट', ' अब साड़ी भी पहन ले', ' क्या तुम ब्लीड भी करते हो?', ' हाहा दुल्हे ने पहना मंगलसूत्र' जैसे शब्दों के साथ बेइज़्ज़त करने की कोशिश की पर शर्दुल अपने फैसले पर अटल रहे और अब वे दोनों एक दूसरे के साथ अपनी ज़िंदगी अच्छे से व्यतीत कर रहें हैं और शर्दुल के शब्दों में 'दुनिया की कौन चिंता करता है' ज़िंदगी जीने का अलग और खुशनुमा रुख दिखता है।
दुनिया में हर समाज अपने रीति- रिवाजों से ही अपनी संस्कृति को पहचान देता है। रीति रिवाज़ों को हमने ही बनाया है और इन रीति रिवाज़ों में अगर कोई बदलाव करने की ज़रूरत पड़े तो ज़रूर करना चाहिए।