Durga Puja 2023 Pandal Talking About Menstruation Hygiene: दुर्गा पूजा के लिए कोलकाता काफी मशहूर है। यह कोलकाता की शान है हर बार पंडालों में कुछ नया और यूनिक किया जाता है। इस बार के दुर्गा पूजा के पंडालों में एक पंडाल जो मासिक धर्म स्वच्छता थीम पर तैयार किया गया है आइए इसके बारे के में जानते हैं-
Durga Puja 2023: ऐसा अनोखा पंडाल जिसमें बात हो रही मासिक धर्म की
'पाथुरियाघाट पंचर पल्ली सर्बोजनिन दुर्गोत्सब' समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एलोरा साहा जो इस प्रगतिशाली सोच के पीछे प्रमुख उन्होंने ने ANI से बात की है इस दौरान बताया "इस साल, 'पाथुरीघाट पंचर पल्ली' न केवल अपनी सबसे अलग सजावट के लिए, बल्कि अपने विचित्र विषय के लिए भी चर्चा में है। यह विषय मासिक धर्म स्वच्छता और इसके जुड़ी समाज में टेबू को संबोधित करता है। उनका विषय, 'ऋतुमति', एक जरुरी संदेश के साथ प्रतिध्वनित होता है - मासिक धर्म एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, और अब समय आ गया है कि हम इसके बारे में बात हो।
#WATCH | West Bengal: A puja committee in Kolkata has made a Durga Puja pandal based on the theme of menstrual hygiene. pic.twitter.com/91JPBozuKy
— ANI (@ANI) October 12, 2023
साहा कहती हैं, " हमारे समाज में आज भी बहुत पर, मासिक धर्म में महिलाओं पर कई तरह के रोक लगाए जाते हैं, जिनमें रसोई में न जाने या अपने जीवनसाथी के साथ बिस्तर साझा करने की अनुमति नहीं देना भी शामिल है। वे अक्सर अपने घरों तक ही सीमित रहते हैं और इस महत्वपूर्ण समय के दौरान उन्हें निज्जी स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में शिक्षित नहीं किया जाता है। 'पाथुरीघाट पंचर पल्ली' समिति का मानना है कि सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी मासिक धर्म के बारे में वैज्ञानिक और निष्पक्ष तरीके से शिक्षित किया जाना चाहिए"।
#WATCH | West Bengal: Ellora Saha, working president of Pathuriaghata Pancher Pally Sarbojonin Durgotsab Committee says, "We have named this year's theme 'Ritumati', which means menstruating woman. There are a lot of taboos and superstitions around menstruation. Women are not… pic.twitter.com/nUVjcEisRS
— ANI (@ANI) October 12, 2023
18 लाख से बनकर हुआ तैयार
ANI के मुताबिक़ इस पंडाल को बनने में तकरीबन 3 साल लगे जिसमें तकरीबन 18 लाख लागत लगी। मनीष रॉय जो इस पंडाल के मुख्य कलाकार हैं उन्होंने ANI को बताया यह पंडाल कला का एक नमूना है, जिसमें पेंटिंग, मॉडल और ग्राफिक्स जैसे विभिन्न प्रकार की स्थापना कला शामिल है जो मासिक धर्म चक्र के दौरान स्वच्छता के महत्व को बताती है। मासिक धर्म स्वच्छता का केंद्रीय विषय न केवल सजावट में बल्कि मूर्तियों में भी प्रतिबिंबित होता है, जिसे कुमारटुली के सनातन पॉल ने कुशलतापूर्वक तैयार किया है। कला और सामाजिक जागरूकता का यह एकीकरण इस बात का प्रमाण है कि कैसे दुर्गा पूजा सकारात्मक बदलाव का एक मंच हो सकती है।