Female Literacy Rate: आपको बता दें की महिला साक्षरता से जूझ रहे ग्रामीण भारत के बावजूद, स्वतंत्रता के बाद से महिला साक्षरता दर में 68 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आजादी के समय केवल 9 प्रतिशत (11 में से 1 लड़की) ही साक्षर थी। भारतीय पुरुषों के 84.7 प्रतिशत की तुलना में महिला साक्षरता दर वर्तमान में 77 प्रतिशत है। आपको बता दें की सरकार की राष्ट्रीय सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 92.2 प्रतिशत के साथ केरल भारत में सबसे अधिक साक्षर राज्य है, इसके बाद क्रमश: 91.85 प्रतिशत और 91.33 प्रतिशत के साथ लक्षद्वीप और मिजोरम हैं। सबसे कम साक्षरता दर वाला राज्य 61.8 प्रतिशत पर बिहार है, इसके बाद दो अन्य राज्य, अरुणाचल प्रदेश और राजस्थान क्रमशः 65.3 प्रतिशत और 66.1 प्रतिशत हैं।
महिला साक्षरता दर में वृद्धि से संबंधित अधिक आँकड़े
12.6 प्रतिशत स्कूल छोड़ने वालों और 19.8 प्रतिशत छात्रों के बीच शिक्षा की समाप्ति दर्ज की गई है। बता दें की उपरोक्त आँकड़ों में सबसे बड़ा योगदान बालिकाओं का है जिनकी शादी जल्दी हो जाती है और वे जो उन परिवारों से आती हैं जो बालिकाओं को शिक्षित करने को प्राथमिकता नहीं देते हैं।
दुनिया भर में नाबालिग लड़कियों की शादी की संख्या 1.8 मिलियन है। महिलाओं के लिए ग्रामीण भारत में संबंधित कम साक्षरता दर 67.77 प्रतिशत है जबकि भारत में शहरी महिलाओं के लिए यह संख्या 84.11 प्रतिशत है। समग्र शिक्षा योजना (2018-19) शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी। आपको बता दें की इसका उद्देश्य स्कूलों को ऐसे निकायों के रूप में देखना था जो पूर्वस्कूली, एक उच्च प्राथमिक, प्राथमिक, उच्चतर माध्यमिक और शिक्षा के माध्यमिक स्तर को शामिल करते हैं। समग्र शिक्षा योजना के अलावा, साक्षर भारत, एडल्ट्स की शिक्षा के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना भी शुरू की गई थी और इस योजना का उद्देश्य एडल्ट साक्षरता दर में सुधार करना था।
यह योजना एक केंद्र शासित प्रदेश, सभी 26 राज्यों और 404 जिलों में लागू की गई थी, जहां 2001 की जनगणना के अनुसार एडल्ट महिला साक्षरता दर 50% और उससे कम दर्ज की गई थी। आपको बता दें की इस योजना में 31 मार्च 2018 तक विस्तार देखा गया।
इस योजना का लक्ष्य 7 करोड़ एडल्ट गैर-साक्षरों को साक्षर में परिवर्तित करना था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपनिंग स्कूल ने अगस्त 2018 से मार्च 2018 तक बेसिक लिटरेसी असेसमेंट टेस्ट आयोजित किया था और हम आपको बता दें की 7.64 लोग साक्षर के रूप में इस परीक्षा के लिए योग्य थे।