14 अप्रैल, आज डॉ बीआर अंबेडकर की जयंती (इस वर्ष 130 वीं) जो सभी दलितों के साथ पूरे भारत के लिए विशेष है क्योंकि वह भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाने जाते है। उन्होंने दलितों के लिए सम्मान और समानता का जीवन सुनिश्चित करने के साथ स्वतंत्र भारत में महिलाओं के अधिकारों की शुरुआती नींव भी रखी। सावित्रीबाई फुले जैसे अन्य दलित लीडर्स के साथ मिलकर नारीवाद को रूप दिया।
देश के पहले कानून मंत्री बन महिला और अल्पसंख्यक के मताधिकार के लिए भी प्रयास किए, जिसका परिणाम आज महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलना है। इन सब बातों से वह औरतों को समझने वाले, उनका सही मायने में साथ देने वाले साथ ही में उनके हक़ के लिए खड़े होने वाले फेमिनिस्ट होने का पता चलता है। आजअम्बेडकर जयंती पर, बीआर अम्बेडकर के नारीवादी कोट्स जो हमें आज भी हमारा मार्गदर्शन करते है और उनके फेमिनिस्ट होने की तरफ इशारा करते है, आईए जानते है-
Feminist Quotes By BR Ambedkar-
1. "मैं एक समुदाय की उन्नति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई वृद्धि से मापता हूँ "।
2. "महिलाओं की भागीदारी के बिना एकता व्यर्थ है। शिक्षित महिलाओं के बिना शिक्षा बेकार है और महिलाओं की ताकत के बिना कोई भी आंदोलन अधूरा है"।
3. "मैं महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलनों में स्ट्रोंगली विश्वास हूँ। यदि उनपर सही मायने में विश्वास किया जाए, तो वे समाज की वर्तमान तस्वीर को बदल सकते हैं जो बहुत दयनीय दुखी करने वाली है। पहले भी उन्होंने वीकेर सेक्शन की स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है"।
4. "हमें जल्द ही बेहतर दिन देखेंगे को मिल सकते है अगर स्त्री शिक्षा के साथ-साथ पुरुष शिक्षा को राजी किया जाए तो हमारी उन्नति बहुत तेज हो जाएगी"।
5. "धर्म, फिलोसोफी जैसे विषयों पर पुरुषों के साथ पब्लिक डिस्कशन करने वाली महिलाएं की किसी भी तरह से कम नहीं है ना ही उनकी कहानियाँ"।