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प्रतिष्ठा देवेश्वर इस बात का एक ख़ास उदाहरण हैं। वे भारत की पहली ऐसी लड़की हैं, जो व्हीलचेयर पर रहकर भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने जा रही हैं। उन्हें पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री के लिए चुना गया है। प्रतिष्ठा अपनी इस उपलब्धि के बाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं।
आइये प्रतिष्ठा के बारें में कुछ दिलचस्प बातें जानें
1. मूल रूप से होशियारपुर, पंजाब की रहने वाली प्रतिष्ठा दिल्ली में लेडी श्रीराम वुमन कॉलेज में पढ़ती है।
2. प्रतिष्ठा के साथ 13 साल की उम्र में एक हादसा हुआ था और तब से वो व्हीलचेयर पर हैं। वे बताती हैं कि होशियारपुर से चंडीगढ़ जाते समय उनकी कार का भयानक एक्सीडेंट हो गया था। इसमें उनकी रीढ़ की हड्डी पर बुरी तरह चोट आई थी। इसके बाद वे चल-फिर नहीं सकीं।
3. प्रतिष्ठा को अपने जीवन के 3 साल बिस्तर पर गुजारने पड़े। यही नहीं, उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई भी घर से ही पूरी की और 12 वीं की परीक्षा में 90% मार्क्स प्राप्त किए।
4. प्रतिष्ठा बताती हैं कि जब उन्होंने 12वीं के बाद दिल्ली जाकर पढ़ाई करने की सोची, तो रिश्तेदारों ने उनके माँ-बाप को मना किया। प्रतिष्ठा ने कहा कि उन्होंने घरवालों को मनाया। कॉलेज में उन्हें सबका बहुत सपोर्ट मिला। प्रतिष्ठा ब्रिटिश हाई कमीशन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और यूनाइटेड नेशंस में महिला मुद्दों पर अपनी बात रखी चुकी हैं।
5. वो ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पालिसी में मास्टर्स करेने के बाद भारत वापस आना चाहती हैं और अपने जैसे दिव्यांग लोगों के जीवन में सुधार लाना चाहती हैं .
और पढ़ें: 12वीं कक्षा की दृष्टिहीन छात्रा हरलीन कौर ने 96.6% स्कोर किया
प्रतिष्ठा बताती हैं कि जब उन्होंने 12वीं के बाद दिल्ली जाकर पढ़ाई करने की सोची, तो रिश्तेदारों ने उनके माँ-बाप को मना किया। प्रतिष्ठा ने कहा कि उन्होंने घरवालों को मनाया। कॉलेज में उन्हें सबका बहुत सपोर्ट मिला।
आइये प्रतिष्ठा के बारें में कुछ दिलचस्प बातें जानें
1. मूल रूप से होशियारपुर, पंजाब की रहने वाली प्रतिष्ठा दिल्ली में लेडी श्रीराम वुमन कॉलेज में पढ़ती है।
2. प्रतिष्ठा के साथ 13 साल की उम्र में एक हादसा हुआ था और तब से वो व्हीलचेयर पर हैं। वे बताती हैं कि होशियारपुर से चंडीगढ़ जाते समय उनकी कार का भयानक एक्सीडेंट हो गया था। इसमें उनकी रीढ़ की हड्डी पर बुरी तरह चोट आई थी। इसके बाद वे चल-फिर नहीं सकीं।
3. प्रतिष्ठा को अपने जीवन के 3 साल बिस्तर पर गुजारने पड़े। यही नहीं, उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई भी घर से ही पूरी की और 12 वीं की परीक्षा में 90% मार्क्स प्राप्त किए।
4. प्रतिष्ठा बताती हैं कि जब उन्होंने 12वीं के बाद दिल्ली जाकर पढ़ाई करने की सोची, तो रिश्तेदारों ने उनके माँ-बाप को मना किया। प्रतिष्ठा ने कहा कि उन्होंने घरवालों को मनाया। कॉलेज में उन्हें सबका बहुत सपोर्ट मिला। प्रतिष्ठा ब्रिटिश हाई कमीशन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और यूनाइटेड नेशंस में महिला मुद्दों पर अपनी बात रखी चुकी हैं।
5. वो ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पालिसी में मास्टर्स करेने के बाद भारत वापस आना चाहती हैं और अपने जैसे दिव्यांग लोगों के जीवन में सुधार लाना चाहती हैं .
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