Former Sports Minister Harayana Sandeep Singh Case: हरियाणा में इस समय पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्तगी और गिरफ़्तारी की मांग बहुत तेज़ी से चल रही है। लगातार बढ़ती मांग के बाद भी राज्य की सरकार की ओर से किसी तरह के प्रयत्न दिखते सामने नहीं आ रहे हैं। इस बाबत महिलाओं सहित पुरुषों ने भी दिल्ली कूच की। दिल्ली के जंतर-मंतर में पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह को लेकर प्रदर्शन किया। मंत्री पर यौन हिंसा का आरोप है। महिलाओं ने अपनी मांग के साथ 30 हजार हस्ताक्षर वाला पत्र राष्ट्रपति को भेजा है।
मालूम हो कुछ ही दिन पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें हरियाणा में महिलाओं पर सबसे ज्यादा क्राइम रेट होते बताए गए थे। महिलाओं के साथ देशभर में स्थितियां अभी भी ठीक नहीं हैं। हरियाणा में रिपोर्ट के बाद भी एक मंत्री द्वारा कथित मामला राज्य की महिला सुरक्षा के प्रति अव्यवस्था को दर्शाता है।
प्रदर्शन में पीड़िता के पिता भी रहे मौजूद
पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय भीम अवॉर्डी खिलाड़ी जगमति सांगवान की अध्यक्षता में दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शन में पीड़िता जूनियर महिला कोच के पिता ने भी हिस्सा लिया।
नहीं मिल रहा किसी का सहयोग
खबर की मानें तो इतने प्रयास के बाद भी लगातार राज्य सरकार सहित अन्य बड़े संगठन पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह को बचाने में लगे हुए हैं। मौजूद प्रदर्शनकारियों की मानें तो पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के ऊपर यौन हिंसा का आरोप लगा है जिसके लिए पूरा राज्य उनकी बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। प्रयास के बाद भी प्रदर्शनकारियों की मानें तो भाजपा सरकार, राज्य महिला आयोग, खेल विभाग और प्रशासनिक मशीनरी जैसे सभी बड़े संगठन उन्हें बचाने में लगे हुए हैं।
इसके साथ ही राज्य की पुलिस की ओर से भी किसी तरह का कोई गिरफ्तारी के लिए प्रयास नहीं किया जा रहा है। खबर के मुताबिक पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ़ लगभग 90 दिन पहले ही एफआईआर दर्ज करा ली गई थी। इसके बाद भी अभी तक चंडीगढ़ पुलिस ने मंत्री के खिलाफ किसी भी तरह का चालान पेश नहीं किया है।
प्रभावित की जा रही जांच
ऐसा भी कहा जा रहा है कि आरोपी मंत्री ने कहने पर स्थितियां प्रभावित हो रही हैं। खबर की मानें तो आरोपी मंत्री के कहने पर सरकार के जरिए गठित एसआईटी को प्रभावित किया गया है। पीड़िता को लांछित करने के साथ-साथ पुलिस की कार्यवाही भी प्रभावित करने की कोशिश हुई है जिससे मंत्री को क्लीन चिट मिल जाए। प्रदेश में इस तरह के मामले सरकार के लिए ही खतरा बन सकते हैं।