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Free Sanitary Napkin In School: स्कूलों में पैड फ्री में देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दलील

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Swati Bundela
04 Nov 2022
Free Sanitary Napkin In School: स्कूलों में पैड फ्री में देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दलील

स्कूल के कक्षा 6 से 12 की लड़कियों के लिए मुफ्त में सेनेटरी पैड्स देने की दलील सुप्रीम कोर्ट में फ़ाइल की गयी है।यह याचिका सरकार को मुफ्त सेनेटरी पैड्स वितरण करने का निर्देशन देती है।

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जया ठाकुर ने एडवोकेट वरिंदर कुमार शर्मा और वरुण ठाकुर के माध्यम से दलील पेश की। पिटीशनर ने कहा कि गरीब परिवार से आने वाली 11 से 18 वर्ष आयु की लड़कियों को मेंस्ट्रुएशन और मेंस्ट्रुअल हाइजीन सम्बंधित कई सारी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सुविधावों के न होने से यह उनके स्वस्थ्य पर बुरा असर करती है। मेंस्ट्रुअल हाइजीन हर लड़की के लिए एक बेसिक रेक्विरेमेंट है जिसकी पूर्ति सरकार को करनी चाहिए। सेनेटरी पैड कही सारे इन्फेक्शन्स से बचा सकती है।

स्कूलों में उचित सेनेटरी पैड

दलील में बताया गया है कि सरकार ने कई कदम उठाये हैं, लेकिन यह भी बहुत काम है। वह देश के सभी लड़कियों को कवर करने में असमर्थ हैं। दलील में यह भी कहा गया है कि मेंट्रूअल हाइजीन की सुविधा न होने के कारण लड़कियां शिक्षा आधे में ही छोड़ देती है जो उसके पुरे जीवन पर प्रभाव डालती है ।  

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दलील में सभी गवर्मेंट, एडेड, रेजिडेंशियल स्कूल में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बनाया जाये और एक क्लीनर उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करने की मांग की गई है। दलील में यह भी बताया है की रेस्पोंडेंट्स के लिए थ्री- स्टेज अवेयरनेस प्रोग्राम किये जाये जहाँ मेंस्ट्रुएशन समबन्धी जागरूकता पेहलायाजाये।

पहले स्टेज में मेंस्ट्रुअल हेल्थ के बारे में जागरूकता फैलाना और मेंस्ट्रुएशन के आसपास की ट्यबू को दूर करना होगा। दूसरे स्टेज में  महिलाओं और युवा लड़कियों को विशेष रूप में वंचित क्षेत्रों के लिए उचित या सब्सिडाइज़्ड सेनेटरी प्रोडक्ट्स उपलब्ध किये जाये। तीसरे स्टेज में यह सुनिश्चित करना होगा कि मेंस्ट्रुअल वेस्ट को सहीतरीके से डिस्पोस किया जाये।

दलील में बताया गया है कि स्वास्थ्य का अधिकार भारत के संविधान के आर्टिकल 21 के तहत स्थापित किया गया था जो जीवन और सम्मान के अधिकार की गारंटी देती है।

मेंस्ट्रुअल हाइजीन का प्रबंधन करना महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। मेंस्ट्रुअल हाइजीन न होना एक लड़की की शिक्षा और स्वस्थ्य का संज्योता करना होगा। सर्कार को इस समस्या को जल्द से जल्द परिहार निकलना चाहिए। हर साल कई सारी लड़कियों की जान जाती है मेंस्ट्रुअल हाइजीन न होने के कार।  यह एक गंभीर समय है और इसका जल्द से जल्द परिहार ढूंढ़ना जरूरी है।

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