महिलाएं शुरुआत से अपने आप को कभी भी अबला नहीं मानती थी और जब उन्हें भारत सरकार ने अग्निवीर स्कीम के तहत अवसर दिया तो तो आज वे उस पर खरी भी उतरी हैं। उन्होंने एक ऐसा पेशा चुना है जो कि पुरुषों के लिए सही माना जाता है लेकिन मैं समाज में चलती आ रही पुरानी सोच को चकनाचूर करते हुए बतला देना चाहती हैं कि वह भी किसी से कम नहीं है। अग्निपथ योजना के तहत नौसेना में 3000 लोगों का पहला बैच तैयार है। जिसमें 341 महिला नाविक हैं। नाव पर पहली बार महिलाएं नाविक होंगी।
क्या कहना है नौसेना प्रमुख का?
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने घोषणा की कि नौसेना ने पहले बैच में 341 महिला अग्निवीरों को शामिल किया है, और यह पहली बार है कि महिलाओं को रैंक में शामिल किया गया है। चीफ ने यह भी साझा करते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि 2023 से भारतीय नौसेना सभी शाखाओं में महिला अधिकारियों को शामिल करेगी और वे वर्तमान परिदृश्य में केवल 7-8 शाखाओं तक सीमित नहीं रहेंगी। इसके साथ ही साथ उन्होंने सभी महिला अग्नि वीरों को चयन के लिए बधाइयां दी है।
क्या थी चयन प्रक्रिया?
इससे पहले नौसेना प्रमुख ने कहा था कि ‘अग्निपथ’ एक शानदार योजना है, जिसे इस ‘व्यापक विचार-विमर्श और व्यापक अध्ययन के बाद पेश किया गया है कि अन्य सैन्य बलों ने अपने मानव संसाधन को किस तरह व्यवस्थित किया है।
उन्होंने यहां ‘भारत की नौसेना क्रांति : उभरती समुद्रीय शक्ति’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने पर यह बात कही। नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह विचार 2020 के मध्य के आस-पास सामने आया और इसे अमल में लाने में लगभग दो साल लग गए।
भारतीय नौसेना अग्निवीरों के लिए चयन की एक समान पद्धति का पालन कर रही है और कई महिलाएं आगे आई हैं और देश भर से चयन प्रक्रियाओं में भाग लिया है। आंकड़ों के अनुसार , विभिन्न पदों के लिए आवेदन करने वाले 10 लाख लोगों में महिलाओं की कुल संख्या 82,000 थी।
देखा जा सकता है कि समाज में नारी सशक्तिकरण को लोग सही तरह से पहचान रहे हैं और एक नारी भी अपने आप का सशक्त रूप दिखा देना चाहती है। अब से नौसेना में महिलाएं भी अपना सर ऊंचा करके हमारे देश भारत का नाम रोशन करेंगी।