तीसरे बच्चे की डिलीवरी का खर्च नहीं देगी सरकार: अहमदाबाद के बढ़ती आबाद वहॉँ की सरकार के लिए कई सालों से एक मुश्किल चुनौती बना हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, अहमदाबाद में पिछले 3 सालों में करीब 63000 से ज्यादा बच्चों की डिलीवरी हुई है। इस बाद से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वहॉँ की जनसंख्या कितनी तेज़ी से बढ़ रही है। इन सब को देखते हुए अहमदाबाद की म्युनिसिपल कारपोरेशन के एक नेता ने ये प्रस्ताव जारी किया जिसमें शहर में तीसरे बच्चों की डिलीवरी पर सरकार द्वारा कोई शुल्क नहीं दिया जायेगा, बल्कि बच्चे की डिलीवरी का पूरा खर्च पेरेंट्स को ही देना होगा। आईये जाने पूरा मामला-
तीसरे बच्चे की डिलीवरी का खर्च नहीं देगी सरकार- AMC के नेता का प्रस्ताव
हाल ही में देश में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर काफी हलचल मची हुई है। ऐसे में अहमदाबाद की बढ़ती जनसंख्या वहॉँ की सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। AMC में सत्ता पर काबिज़ भाजपा के नेता भास्कर भट्ट ने नगर निगम की बैठक के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं को कुछ सिमित करने की बात कही। माना जा रहा है कि गुजरात के अहमदाबाद शहर कि म्युनिसिपल कारपोरेशन इस नए ऐलान कि तैयारिओं में जुट गयी है। इसके मुताबिक, दो बच्चे पैदा होने के बाद तीसरे या बाद के बच्चों पर फ्री डिलीवरी कि कोई सुविधा सरकार द्वारा मुहैय्या नहीं कराई जाएगी। शायद इस प्रस्ताव पर जल्द ही मुहर लग सकती है।
इस नीति पर पहली भी हुई थी चर्चा
आपको बता दें कि अंक कि बैठक में भास्कर भट्ट ने बताया कि पहले भी 1987 में म्युनिसिपल कारपोरेशन के द्वारा कुछ अस्पतालों में इस नीति को पारित किया गया था। सभी AMC चालित अस्पतालों में दो बच्चे के बाद की डिलीवरी पर मुफ्त की सुविधा नहीं मिलेगी। पिछली बार इस नीति के लागु होने के कुछ समय बाद इसे बंद कर दिया गया पर भट्ट जी के अनुसार अब इस नीति में काफी संसोधन किया गया है इसीलिए ये पूरी तरह से लागु होने के लिए तैयार है।अहमदाबाद में AMC द्वारा संचालित वीएस अस्पताल, शारदाबेन अस्पताल और एलजी अस्पताल में ये नियम लागु किया जाना है। बताया जा रहा है कि इन्ही अस्पतालों के पिछले 3 साल के आंकड़ों में 65000 से ज्यादा डिलीवरी होने कि गुंजाईश रही है। जिसके लिए सरकार काफी सतर्क है। जब तक इस प्रस्ताव को पारित किया जायेगा सरकार ने अवेयरनेस कैंप लगवाने पर विचार रखा है। ताकि लोगों में जनसंख्या को लेकर अवेयरनेस फैले।
क्या कहते हैं आंकड़ें
अहमदाबाद में सभी प्रेग्नेंट महिलाओं को अपनी डिलीवरी के लिए सरकार द्वारा कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं। जो भी महिला डिलीवरी के लिए सार्वजनिक स्वस्थ्य केंद्र में अपनी डिलीवरी कराती है, उसके तमाम खर्चे सरकार उठती है। ये महिलाओं का हक़ बन गया है। अब ऐसे में तीसरे बच्चे पर कोई सुविधा न देने से महिलाओं पर बोझ अधिक बढ़ेगा। बहारहाल, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद में साल 2018-19 के बीच कुल 8884 डिलीवरी हुई।