अंटार्कटिका की सबसे ऊँची चोटी पर उत्तराखंड की कविता चंद ने फहराया तिरंगा

दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में से एक में, उत्तराखंड की कविता चंद ने अंटार्कटिका की सबसे ऊँची चोटी माउंट विंसन पर चढ़ाई कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चलिए उनके बारे में जानते हैं-

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Rajveer Kaur
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Indian Mountaineer Scaling New Heights

Image Credit: Instagram

उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली कविता चंद ने अंटार्कटिका की सबसे ऊँची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) पर चढ़कर शिखर पर भारतीय तिरंगा फहराया है। इस बड़ी उपलब्धि के साथ वह दुनिया के उन चुनिंदा पर्वतारोहियों में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने इस बर्फीली और बेहद कठिन चोटी को फतह किया है।

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अंटार्कटिका की सबसे ऊँची चोटी पर उत्तराखंड की कविता चंद ने फहराया तिरंगा 

माउंट विंसन अपनी बेहद कठोर परिस्थितियों के लिए जाना जाता है। यहाँ तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है, हवाएँ अचानक बदल जाती हैं और यह पर्वत पूरी तरह एकांत इलाके में स्थित है।

अन्य पर्वतारोहण स्थलों के विपरीत, अंटार्कटिका में गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। हर चढ़ाई पूरी योजना, मजबूत शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक मजबूती पर निर्भर करती है।

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पृष्ठभूमि और करियर बदलाव

अपने खेल जीवन से पहले, कविता चंद ने मीडिया इंडस्ट्री में एक सफल करियर बनाया था। वह मुंबई में कांतार (Kantar) में वाइस प्रेसिडेंट, मीडिया सहित कई अहम भूमिकाओं में काम कर चुकी हैं।

2024 में नया रास्ता

2024 में कविता चंद ने अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर पूरी तरह फिटनेस को समय देने का फैसला किया। उन्होंने 2017 में रनिंग से शुरुआत की थी और 2024 में गंभीर रूप से पर्वतारोहण अपनाया।

अंटार्कटिका तक का सफर

यह अभियान दिसंबर की शुरुआत में शुरू हुआ। भारत से चिली के पुंटा एरेनास तक यात्रा की गई, जो अंटार्कटिका का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है। वहाँ से कविता और उनकी टीम ने यूनियन ग्लेशियर कैंप के लिए उड़ान भरी, जो महाद्वीप पर स्थित एक दूरस्थ बेस कैंप है।

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चढ़ाई के दौरान कई कैंपों से होकर गुजरना पड़ा, धीरे-धीरे शरीर को मौसम के अनुसार ढालना (एक्लिमेटाइजेशन) पड़ा और बर्फ व हिम के विशाल मैदानों को पार करना पड़ा।

मेहनत और हिम्मत की कहानी

कविता चंद की यह सफलता किसी अचानक मिले मौके या किस्मत का नतीजा नहीं है। यह सालों की अनुशासित मेहनत, मजबूत इरादों और एक अलग, साहसी रास्ता चुनने की हिम्मत की कहानी है।

शिखर का पल

कई दिनों की कठिन चढ़ाई और बेहद मुश्किल हालात सहने के बाद, 14 दिसंबर को कविता चंद माउंट विंसन के शिखर पर पहुँचीं। वहाँ उन्होंने भारतीय तिरंगा फहराया, जो पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बन गया।

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इतने दूर और दुर्गम स्थान पर तिरंगा फहराना उनके संकल्प, साहस और वैश्विक एडवेंचर स्पोर्ट्स में भारत की मौजूदगी का प्रतीक है। यह उपलब्धि इन खेलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को भी दर्शाती है।

एक कदम और आगे: सेवन समिट्स चुनौती

कविता चंद “सेवन समिट्स” चुनौती की ओर सक्रिय रूप से बढ़ रही हैं, जिसका लक्ष्य सातों महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों पर चढ़ाई करना है। बहुत कम पर्वतारोही इस मुकाम तक पहुँच पाए हैं, और माउंट विंसन को फतह कर कविता इस लक्ष्य के एक और करीब पहुँच गई हैं।