Indian Navy Historic Decisions:- लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए औरतों को स्पेशल फ़ॉर्सेज़ में शामिल होने की मिली मंज़ूरी
आर्मी में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए इंडियन ऐयर फ़ोर्स(IAF) द्वारा महिला अधिकारियों को अपनी विशेष बल इकाई, गरुड़ कमांडो बल में शामिल होने की अनुमति दे दी गई हैं। इससे पहले भारतीय नौसेना द्वारा महिला अधिकारियों के लिए विशेष बल इकाई के लिए अनुमति दे दी गई थीं।
Hindustan Times की रिपोर्ट अनुसार अधिकारियों कहना हैं, "नौसेना में महिलाएं अब समुद्री कमांडो वें (मार्कोस) बन सकती हैं यदि वे चुनते हैं और मानदंडों को पूरा करते हैं। इसके साथ ही इस फ़ैसले को उन्होंने “भारत के सैन्य इतिहास में वाटरशेड” बताया है।
इसके आगे रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा, मार्कोस बनने के लिए स्वेच्छा से महिला अधिकारियों और नाविकों दोनों के लिए विकल्प खुला रहेगा, जो अगले साल अग्निवीर के रूप में सेवा में शामिल होंगी।
अभी तक मिलिटरी की स्पेशल फ़ॉर्सेज़ में सिर्फ़ मर्द ही शामिल हो सकते थे। यह सबसे टफ़ ट्रेनिंग होती है। इन्हीं ट्रेनिंग में से एक ट्रेनिंग मार्कोस या मरीन समुद्री कमांडो भी है जिनमें अब महिलाएँ भी शामिल हो सकती है।
About MARCOS
मरीन कमांडो फाॅर्स जिन्हे MARCOS भी कहा जाता है की स्थापना फरवरी 1987 में हुई थी। MARCOS सभी प्रकार के फोर्सेज जैसे समुद्र में, हवा में और जमीन पर पाई जाती हैं। पहले इसे भारतीय समुद्री विशेष बल (IMSF) नाम दिया गया था।बाद में, 1991 में, नौसेना ने नाम बदलकर "मरीन की तोड़फोड़ करने वाली ताकतों" - मरीन कमांडो फोर्स (MCF) कर दिया, जिन्हें संक्षेप में मार्कोस के रूप में भी जाना जाता है।
मार्कोस को समुद्र, हवा और जमीन पर उग्र ऑपरेशन करने के लिए ट्रेनिंग किया जाता है। दुश्मन के युद्धपोतों के खिलाफ गुप्त हमले करने, विशेष गोताखोरी संचालन, निगरानी और टोही मिशन, अपतटीय और अन्य महत्वपूर्ण संपत्तियों की स्थापना और नौसेना के संचालन का समर्थन करने में सक्षम हैं।