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कौन है निमिषा प्रिया जिसे यमन में मिली मौत की सजा

यमन देश से एक मामला सामने आया है जिसमें हत्या के आरोप में भारतीय महिला को मौत की सजा मिली है। पिछले दिनों से निमिषा प्रिया चर्चा का विषय बनी हुई है और उसे मौत की सजा से बचाने की कोशिश भी की जा रही है।

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Rajveer Kaur
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Nimisha Priya

Photograph: (Image Credit: Indian Express)

Indian Nurse Faces Death Penalty in Yemen: यमन देश से एक मामला सामने आया है जिसमें हत्या के आरोप में भारतीय महिला को मौत की सजा मिली है। पिछले दिनों से निमिषा प्रिया चर्चा का विषय बनी हुई है और उसे मौत की सजा से बचाने की कोशिश भी की जा रही है। मामला केरल की एक लड़की निमिषा प्रिया का है जो रोजगार की तलाश में देश छोड़कर यमन जाती है लेकिन अब जेल में बंद है और उसे मौत की सजा मिली है। चलिए इस पूरे मामले को जानते हैं-

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कौन है निमिषा प्रिया जिसे यमन में मिली मौत की सजा

क्या है पूरा मामला 

मामला 2008 से शुरू होता है जब 19 वर्षीय निमिषा रोजगार की तलाश में केरल छोड़कर यमन जाती है। वहां पर उसे राजधानी सना के एक अस्पताल में नर्स की नौकरी मिल जाती है। 2011 में निमिषा वापस भारत आती है और उनकी शादी टॉमी थॉमस के साथ होती है और दोनों वापस यमन लौट जाते हैं। एक साल बाद 2012 में उनके घर में बेटी का जन्म होता है लेकिन अच्छी नौकरी न मिलने के कारण उनका गुजारा बहुत मुश्किल से होता था। इस कारण थॉमस अपनी बेटी के साथ वापस भारत आ जाते हैं और निमिषा यमन में रहकर ही क्लीनिक खोलने का फैसला करती है।

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क्लिनिक खोलने के लिए स्थानीय के साथ करनी पड़ेगी साझेदारी

यहां पर मामले में एक मोड़ आता है। यमन के कानून के मुताबिक ऐसा करने के लिए आपको स्थानीय पार्टनर के साथ साझेदारी करनी पड़ेगी। ऐसे में निमिषा अब्दो महदी नाम के शख्स की मदद लेती है। इस शख्स को निमिषा जानती थी क्योंकि इसकी पत्नी की डिलीवरी उसने ही करवाई थी और जब 2015 में निमिषा अपनी बेटी को मिलने भारत लौटी थी तब यह भी साथ आया था। 

गृहयुद्ध 

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निमिषा ने 50 लख रुपए इकट्ठे किए और यमन वापस आकर क्लीनिक खोल लिया। वहीं पर यमन में गृह युद्ध शुरू हो जाता है और भारत सरकार ने 4,600 भारतीयों को यमन से बाहर निकाला लेकिन निमिषा वापस नहीं लौट पाई। 

मौत की सजा 

प्रिया के साथ अब्दो यौन उत्पीड़न करता था और खुद को उसका पति बताता था। उसने प्रिया के दस्तावेज भी अपने पास रख लिए थे। जब इसकी शिकायत निमिषा ने पुलिस में दर्ज करवाई तो पुलिस ने उसे ही गिरफ्तार कर लिया। अपने दस्तावेज वापस लेने के लिए 2017 में निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई। अब उसके ऊपर यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है और वह जेल में बंद है। इसके साथ ही यमन के राष्ट्रपति रशद-अल-अलीमी ने मौत की सजा की मंजूरी दे दी है।

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क्या बचने का कोई रास्ता है?

निमिषा प्रिया को 'ब्लड मनी' से बचाया जा सकता है। इसे 'दीया' भी बोला जाता है और कुरान में भी इसका जिक्र आता है। यमन में शरिया कानून है। इसके अनुसार पीड़ित परिवार दोषी को माफ कर सकता है लेकिन इसके बदले में पैसे देने पड़ेंगे। निमिषा के परिवार को ब्लड मनी महदी के परिवार को देनी पड़ेगी। यमन के हालातो को देखते हुए अब भारत सरकार ही इस मामले में मदद कर सकती है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल का ब्यान 

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