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Molestation Case: पटना हाई कोर्ट के वकील ने इंटर्न के साथ की छेड़छाड़

एक गंभीर घटना आज पटना उच्च न्यायालय से आई है जो कि काफी दिल दहला देने वाली है। आरोपी पटना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता का कार्य कर रहा था और वह लड़की उस अधिवक्ता के कार्यालय में एक इंटर्न के रूप में काम कर रही थी। जानिए इस ब्लॉग के जरिए

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Aastha Dhillon
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भारतीय दंड संहिता

Lawyer

Molestation: एक गंभीर घटना आज पटना उच्च न्यायालय से आई है जो कि काफी दिल दहला देने वाली है। आरोपी पटना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता का कार्य कर रहा था और वह लड़की उस अधिवक्ता के कार्यालय में एक इंटर्न के रूप में काम कर रही थी। जानिए इस ब्लॉग के जरिए : एक गंभीर घटना आज पटना उच्च न्यायालय से आई है जो कि काफी दिल दहला देने वाली है। एक वकील ने अपने नीचे काम करने वाली 22 वर्षीय इंटर्न के साथ छेड़छाड़ की और बलात्कार की कोशिश की। 

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बताया जा रहा है कि वह इंटर्न अपनी law की पढ़ाई कर रही थी और आरोपी निरंजन कुमार के अधीन काम सीख रही थी। आरोपी को अभी हिरासत में ले तो लिया गया है लेकिन एक वकील जैसे हाई प्रोफाइल से ऐसे जूर्म की उम्मीद नहीं की जा सकती है। आरोपी पटना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता का कार्य कर रहा था और वह लड़की उस अधिवक्ता के कार्यालय में एक इंटर्न के रूप में काम कर रही थी। जानिए इस ब्लॉग के जरिए 

क्या कहती है रिपोर्ट्स ?

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 रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। बिहार पुलिस के अनुसार, कुमार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341, 342, 354, 354 (ए) और 504 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस अभी आगे की कार्रवाई पर लगी हुई है। यह कितना गलत है कि 21वीं सदी में भी इतनी शर्मनाक चीजें घटित हो रही है। खास करके हमारे समाज का शिक्षित वर्ग ही शोषण कर रहा है। एक शिक्षित इंसान से हम यह चाहते हैं कि वह नियमों का पालन करें और ऐसे शर्मनाक कार्यो का विरोध करें। लेकिन जैसा कि देखा जा सकता है हाई कोर्ट का वकील जिसे सब उच्च वर्ग का समझते हैं जो कि शिक्षित भी है। लेकिन उसने अपनी करतूतों से यह दिखा दिया है कि आज भी हमारे समाज का शिक्षित वर्ग भी काफी गलत कार्य कर रहा है।

क्या कहता है कानून?

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भारतीय दंड संहिता की धारा 341 के अनुसार, किसी व्यक्ति के साथ जबरदस्ती करने के लिए  साधारण कारावास की सजा और एक महीने से ज्यादा नहीं हो सकती है, जुर्माना जो 500 रुपये से ज्यादा नहीं हो या दोनों हो सकता है। धारा 342 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति को गलत रूप से या  unlawfully और inappropriately छूता है या पकड़ता है, तो उसे या तो एक साल के लिए कारावास, एक हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा। धारा 353 यौन उत्पीड़न और उसके परिणामों की सजा है। 

क्यों ऐसी घटनाएं आम होती जा रही है?

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ऐसी ही एक समान घटना Karnataka State Bar Council के सामने आई जिसमें उन्होंने एसपीपी का लाइसेंस रद्द कर दिया, जिस पर एक लॉ इंटर्न के साथ हैरेसमेंट का आरोप था। रिपोर्ट बताती है कि लाॅ के 2 छात्रों ने अधिवक्ता के K S N Rajesh के खिलाफ 18 अक्टूबर 2021 को हैरेसमेंट और अपराधिक धमकी के लिए अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई। राजेश मंगलुरु के कोर्ट में लोकायुक्त के लिए SPP का काम कर रहा था। यह शिकायत मंगलुरू शहर के महिला पुलिस स्टेशन में कराई गई थी।

Molestation Karnataka law state bar council
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