हर साल 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता हैं। ’हिंसा' जिसका महिलाएं शुरू से शिकार रही हैं। खाना ठीक से नहीं बना थप्पड़ मार दिया। शाम को घर में शराब पीकर पति ने अपनी गर्मी पत्नी पर उतार दी। काम का गुस्सा है वे भी पत्नी पर उत्तार दिया। बाप को बेटी लड़के के साथ खड़ी पाई गई उसे बीने पूछें उस पर हिंसा कर दी जाती हैं। औरतों को इंसान कम जानवर ज्यादा समझा जाता हैं। आज भी हालत कुछ बदलें नहीं है। आप चाहे आफ़ताब और श्रद्धा का केस देख लीजिए श्रद्धा मॉडर्न समय की लड़की थी फिर भी वह हिंसा का शिकार थी।
International Day for the Elimination of Violence Against Women
संयुक्त राष्ट्र क्या कहता है ?
संयुक्त राष्ट्र महिलाओं के खिलाफ हिंसा को "लिंग आधारित हिंसा के किसी भी कार्य के रूप में परिभाषित करता है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को शारीरिक, यौन या मानसिक नुकसान या पीड़ा होती है, या होने की संभावना है, जिसमें इस तरह के कृत्यों की धमकी, जबरदस्ती या मनमाने तरीके से वंचित करना शामिल है हिंसा सार्वजनिक रूप या निजी जीवन किसी में भी हो सकती है।
WHO ने इस मौके पर ट्वीट किया और लिखा: यह महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस है।3 में से 1 🌍 महिला शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करती है:
एक पति
पुरुष मित्र
एक अंतरंग साथी
एक प्रेमी
माता या पिता
एक सहयोगी
एक मालिक
एक अजनबी
डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित अनुमान बताते हैं ;-
-महिलाओं के खिलाफ हिंसा - विशेष रूप से अंतरंग साथी हिंसा और यौन हिंसा - एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है और महिलाओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
-विश्व स्तर पर दुनिया भर में लगभग 3 में से 1 (30%) महिलाएं अपने जीवनकाल में या तो शारीरिक और/या यौन इंटिमेट पार्टनर हिंसा या गैर-साथी यौन हिंसा का शिकार हुई हैं।
-इस हिंसा में से ज्यादातर ' इंटिमेट पार्टनर हिंसा' है। दुनिया भर में, 15-49 वर्ष की आयु की लगभग एक तिहाई (27%) महिलाएं रिपोर्ट करती हैं, कि उनके इंटिमेट पार्टनर द्वारा उन्हें किसी प्रकार की शारीरिक और/या यौन हिंसा का शिकार होना पड़ा है।
-हिंसा महिलाओं के शारीरिक, मानसिक, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, और कुछ सेटिंग्स में एचआईवी का जोखिम बढ़ा सकती है।