जम्मू की लड़की हुई इंडियन एयर फोर्स के लिए सेलेक्ट: जम्मू-कश्मीर के राजौरी के एक सुदूर गांव की ताहिरा रहमान को भारतीय वायु सेना की एई (एल) शाखा में शॉर्ट सर्विस कमीशन में ट्रेनिंग के लिए चुना गया है। अपनी बेटी को नई ऊंचाईयों तक पहुंचते देख उनकी मां बेहद खुश हैं। ताहिरा रहमान की मां राकिया बेगम ने कल एएनआई से कहा, “मेरी बेटी ने बहुत मेहनत की है। मैं यहां के लोगों की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमारा लगातार साथ दिया।”
जम्मू की लड़की हुई इंडियन एयर फोर्स के लिए सेलेक्ट: एएनआई ने अपने ट्विटर अकॉउंट पर शेयर किया
ताहिरा के अलावा राजौरी जिले की और भी कई लड़कियां हैं जिन्होंने अपने गांव और देश को गौरवान्वित किया है। उदाहरण के लिए, इसी जिले की फ्लाइंग ऑफिसर माव्या सूडान हाल ही में भारतीय वायु सेना (IAF) में फाइटर पायलट के रूप में शामिल होने वाली देश की 12वीं महिला अधिकारी बनी हैं।
बता दें की माव्या सूडान, 19 जून को एक उड़ान अधिकारी के रूप में भारतीय वायुसेना में शामिल हुई थीं। वह राजौरी जिले से पहली महिला लड़ाकू पायलट हैं।
उनके माता-पिता के अनुसार, उनकी कड़ी मेहनत के कारण उनकी बेटी ने यह उपलब्धि हासिल की। बहरहाल, ताहिरा की माँ ने भी एएनआई को बताया की "माता-पिता को अपनी बेटियों का समर्थन करना चाहिए, वे कुछ भी कर सकते हैं।" इस बात को एएनआई ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए ख़ुशी जताई।
इसी तरह, 2019 में, राजौरी के पास रहने वाली इर्मिम शमीम, एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) प्रवेश परीक्षा में सेंध लगाने वाली "गुर्जर" समुदाय की पहली लड़की बनी थी। कश्मीर घाटी से बिना डरे, इर्मिम अपने घर से 10 किलोमीटर दूर बने राजौरी के स्कूल में पढ़ने जाया करती थीं।
इर्मिम शमीम, एक पिछड़े समुदाय से थीं और उसके परिवार को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ता था, लेकिन इन सभी समस्यायों से बिना डरे वो लगातार आगे बढ़ती रहीं AIIMS के लिए खुद को तैयार करती रहीं।
जम्मू और कश्मीर की एक और लड़की, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, वह श्रीनगर की फेमस डल झील को साफ रखने के मिशन पर है। कश्मीर में इतने समस्यायों के बावजूद वहां की लड़कियों ने हर बार अपनी ताक़त और अपनी काबिलियत का बखूबी सबूत दिया है।