Justice Indira Banerjee ने पश्चिम बंगाल चुनाव हिंसा मामले में सुनवाई से किया अलग

Swati Bundela
19 Jun 2021
Justice Indira Banerjee ने पश्चिम बंगाल चुनाव हिंसा मामले में सुनवाई से किया अलग Justice Indira Banerjee ने पश्चिम बंगाल चुनाव हिंसा मामले में सुनवाई से किया अलग
पश्चिम बंगाल चुनाव हिंसा - सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी ने पश्चिम बंगाल चुनाव हिंसा मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर दिया है। पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद कथित तौर पर भाजपा के 2 कार्यकर्ता मारे गए थे। जिसके बाद इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करवाई गई थी। लेकिन अब न्यायाधीश इंदिरा बैनर्जी ने इस मामले से अपने कदम पीछे हटा लिए है।


क्या था पूरा मामला


पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान यह हिंसा हुई थी। जिसमें भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार वालों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की है और इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग की है। शरद कुमार सिंघानिया ने याचिका में आरोप लगाया है कि तृणमूल पार्टी के 20 समर्थकों ने घर में घुस कर विश्वजीत के भाई की कथित हत्या की थी। इसके अलावा स्वर्णलता के पति की भी हत्या की गई थी।

इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होने वाली थी। लेकिन सुनवाई केे शुरू पहले ही न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने इस मामले की सुनवाई करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले की सुनवाई नहीं करनी है। इससेे किसी और कोर्ट के समक्ष रखा जाए।


पश्चिम बंगाल की सरकार ने क्या कहा


सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से उस मामले में जवाब मांगा था, जिस पर राज्य ने कहा कि याचिकाएं "पॉलिटिकली मोटिवेटेड " है और चाहती है कि उन्हें खारिज कर दिया जाए। राज्य ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद होने वाली हर हिंसा को पोस्ट पोल वॉलेंस नहीं कहा जा सकता है।

ममता बनर्जी कि सरकार ने यह भी सूचित किया कि पिछले महीने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वही आप न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी इस मामले से अलग हो गई हैं और यह मामला दूसरे पीठ में जाएगाा जहां वह नहीं हो।


परिजनों ने सीबीआई की जांच की मांग की


कार्यकर्ता के परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल के चुनाव को लेकर याचिका दायर की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि ये मामला सीबीआई को सौंपा जाए। इसके अलावा हिंसा में बलात्कार के मामले भी सामने आए हैं। हिंसा में सामूहिक दुष्कर्म की दो पीड़िताओं ने भी सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

 
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