Advertisment

भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कौन हैं?

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लिया जो 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने कई ऐतिहासिक मामलों की देखरेख की है, जिन्होंने भारत को आकार दिया है।

author-image
Rajveer Kaur
एडिट
New Update
 Justice Sanjiv Khanna

Justice Sanjiv Khanna to Succeed CJI Chandrachud: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 11 नवंबर को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लिया, जो पिछले दिन सेवानिवृत्त हुए थे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति दोरुपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायाधीश तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। सीजेआई खन्ना मई 2025 में अपनी सेवानिवृत्ति से पहले छह महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे।

Advertisment

भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कौन हैं?

Advertisment

जस्टिस संजीव खन्ना कौन हैं?

जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं और उनके चाचा हंस राज खन्ना भी सर्वोच्च न्यायालय के एक प्रभावशाली न्यायाधीश थे, जो केशवानंद भारती मामले में मूल संरचना सिद्धांत की स्थापना में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध थे।

1983 में शुरू हुआ कानूनी करियर

Advertisment

सीजेआई खन्ना का कानूनी करियर 1983 में शुरू हुआ। उन्हें जून 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और जनवरी 2019 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया। उन्होंने अपने करियर में कई ऐतिहासिक मामलों की देखरेख की है, विशेष रूप से सूचना के अधिकार (आरटीआई) और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित मामले।

कई पदों पर काम किया

जस्टिस खन्ना ने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों सहित कई प्रमुख संस्थानों के अध्यक्ष और प्रभारी न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है। वह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के पदेन कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

Advertisment

प्रमुख मामले

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत में भूमिका

जस्टिस खन्ना के सबसे उल्लेखनीय फैसलों में से एक दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़ा प्रवर्तन निदेशालय का मामला है। जुलाई 2024 में, उन्होंने और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने आम आदमी पार्टी के नेता को अंतरिम जमानत प्राप्त करने और लोकसभा चुनावों के दौरान प्रचार करने में सक्षम बनाया।

Advertisment

पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मामले में महत्वपूर्ण भूमिका

जस्टिस खन्ना ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जुलाई 2024 में, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानूनी कार्यवाही में देरी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जमानत देने का एक वैध कारण हो सकती है।

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में पांच जजों की बेंच का हिस्सा

Advertisment

जस्टिस खन्ना हाल ही में Electoral Bond Scheme को असंवैधानिक घोषित करने वाली पांच जजों की बेंच का भी हिस्सा थे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आदेश दिया कि इन बॉन्ड के माध्यम से गुमनाम दान जनता के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करता है, जो सूचित मतदान के लिए आवश्यक है।

Article 370 को निरस्त करने के फैसले का समर्थन 

भारत के अगले संभावित मुख्य न्यायाधीश ने भी Article 370 को निरस्त करने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह भारत के संघीय ढांचे के एक अनूठे पहलू का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन यह जम्मू-कश्मीर को संप्रभुता प्रदान नहीं करता है। केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं।

Chief Justice justice Chief Justice Of India CJI DY Chandrachud CJI
Advertisment