कथक डांसर Kumudini Lakhia का 95 साल की उम्र में निधन

शनिवार की सुबह यानि आज अहमदाबाद में कथक डांसर और कदम्ब डांस केंद्र की संस्थापक कुमुदिनी लाखिया का निधन हो गया। उनकी  उम्र 95 वर्ष की थीं। वह कथक डांसर और कोरियोग्राफर हैं।

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Rajveer Kaur
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Kumudini Lakhia Honored with Padma Vibhushan for Her Contributions to Kathak

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Kathak Dancer Kumudini Lakhia Passes Away: शनिवार की सुबह यानि आज अहमदाबाद में कथक डांसर और कदम्ब डांस केंद्र की संस्थापक कुमुदिनी लाखिया का निधन हो गया। उनकी उम्र 95 वर्ष की थी। वह कथक डांसर और कोरियोग्राफर थीं। उन्होंने अपना जीवन अपने पैशन को ही समर्पित कर दिया। उनके डांस सेंटर से बहुत सारे छात्राओं ने ग्लोबल लेवल पर परफॉर्म किया है। चलिए पूरी खबर जानते हैं-

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कथक डांसर Kumudini Lakhia का 95 साल की उम्र में निधन 

प्रसिद्ध कथक डांसर और कोरियोग्राफर कुमुदिनी लाखिया का निधन शनिवार की सुबह अहमदाबाद में हुआ। 95 वर्षीय कथक डांसर अहमदाबाद में अपनी बेटी मैत्रेयी हट्टंगडी के साथ रहती थीं। वह भी अपनी मां की एक प्रशंसित नृत्यांगना हैं। भिन्न उनका बेटा ऑस्ट्रेलिया में रहता है।

प्रधानमंत्री ने जताया शोक

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उन्होंने लिखा, "कुमुदिनी लखिया जी के निधन से गहरा दुख हुआ। वह एक उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रतीक थीं। कथक और भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रति उनका जुनून उनके शानदार कार्यों में झलकता था। एक सच्ची अग्रणी के रूप में, उन्होंने कई नर्तकों की पीढ़ियों को संवारा। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार, शिष्यों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।"

कौन हैं कुमुदिनी लाखिया?

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कुमुदिनी लाखिया मशहूर कथक डांसर और कोरियोग्राफर हैं। वह भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दुनिया में एक बड़ा नाम है जिन्हें बहुत सारे अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। 17 मई, 1930 को उनका जन्म अहमदाबाद, गुजरात में हुआ।

कदंब सेंटर फॉर डांस एंड म्यूजिक

1967 में कुमुदिनी लाखिया ने अहमदाबाद में "कदंब सेंटर फॉर डांस एंड म्यूजिक" की शुरुआत की। पारंपरिक नृत्य को बढ़ावा देने और विकसित करने में इस संस्था की बहुत बड़ी भूमिका है। कुमुदिनी लाखिया जी का जीवन कथक के लिए ही समर्पित था। वह एक कोरियोग्राफर भी थीं।1973 में उन्होंने कोरियोग्राफी की शुरुआत की।

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प्रसिद्ध काम

उनकी कुछ प्रसिद्ध कोरियोग्राफी में "धबकर" (नब्ज), "युगल" (जोड़ा) और "अता किम" (अब कहाँ?) शामिल हैं। इसके साथ ही कुमुदिनी लाखिया ने दिल्ली के सालाना कथक महोत्सव जैसे कई बड़े मंचों पर परफॉर्म भी किया गया।

अवार्ड्स 

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कुमुदिनी लाखिया को कई बड़े अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इसी साल यानी 2025 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च अवार्ड पद्म विभूषण और 1987 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन्हें संगीत नाटक अकादमी टैगोर रत्न, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और गुजरात राज्य संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हैं।

Kumudini Lakhia