KGMU Research: महिलाओं में बीमारियां कई कारणों से होती हैं लेकिन केजीएमयू के एक शोध से आए आंकड़ों ने सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह शोध लखनऊ के केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग से सामने आ रहा है। न्यूरोलॉजी विभाग के ओपीडी में आई 400 महिलाओं पर सर्वे किया गया। ये महिलाएं कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त थीं जिसका कारण ससुराल सामने आया।
महिलाओं में समस्याओं का कारण ससुराल भी
सर्वे में पाया गया कि महिलाएं सबसे ज्यादा बीमारियों की शिकार ससुराल जाने के बाद हुईं। महिलाओं ने अपनी बीमारी के पीछे घर-परिवार के कलह को बताया। शोध की मानें तो पारिवारिक माहौल से उपजे ताने और अन्य शारीरिक काम वैवाहिक महिलाओं के लिए बीमारियों का सबब बन रहे हैं।
महिलाओं की मानें तो इस तरह बीमार होने के पीछे बहुत से कारण आए हैं। कुछ महिलाओं में ये बात सामने आई है जब उन्हें ही पूरे परिवार का खाना बनाना और बर्तन धोने जैसे काम करने पड़ जाते हैं। सांस और ननद की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता। इससे महिलाओं में सिर-दर्द, कमर-दर्द और तनाव से जुड़ी शारीरिक और मानसिक समस्याएं पैदा हो रही हैं।
ओपीडी में आईं 40 फीसदी महिलाओं ने खुद को बीमारी के लिए घरेलू कलह, सास-ननद के तानों की वजह बताया, जबकि 35 फीसदी महिलाएं हारमोनल और अन्य दिक्कतों के कारण बीमार मिलीं। 25 फीसदी ऐसी महिलाएं थीं, जिन्होंने बीमारी का बहाना बताया। इनकी पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी जांच रिपोर्ट सभी सामान्य पाई गईं। बीमारी सिर और पीठ दर्द के अलावा दूसरा लक्षण नहीं था। कई दवाएं देने पर भी राहत नहीं मिली। —डॉ. आर.के. गर्ग, अध्यक्ष, न्यूरोलॉजी विभाग, केजीएमयू
क्या कहा विशेषज्ञों ने
दरअसल बहुत-सा इलाज कराने के वाबजूद भी महिलाएं जब ठीक नहीं हुईं तो पता चला बीमारी का कारण उनका ससुराल था। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह की समस्याओं का समाधान आपसी बातचीत और सामंजस्य से ही निकाला जा सकता है। वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ. पवन मिश्र का इस पर कहना है कि सोशल मीडिया के युग में बहुएं खुद को ढाल नहीं पाती हैं, जिस तरह 20-25 साल पहले सास ढल जाती थीं। ऐसे ही मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला के अनुसार इस तरह की समस्याएं में सभी सदस्यों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
जो भी हो महिलाओं को ये समझना चाहिए कि मिलकर काम करने से ही स्थिति का हल निकाला जा सकता है। महिलाओं की बीमारियों के पीछे ससुराल जैसा कारण गंभीर विषय है। सांस, ननद या खुद बहु ही क्यों न हो, घर-परिवार में मिलकर काम करना एक अच्छी सोच है।