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Nuclear Family: एकल परिवार के बढ़ते चलन के पीछे कारण हैं अनेक

ब्लॉग | लाइफ़स्टाइल: आजकल पति-पत्नि एकल फैमिली को ज्यादा रुख कर रहे हैं। संयुक्त परिवार टूट रहे हैं और एकल परिवार बन रहे हैं। आखिर क्या कारण है संयुक्त परिवारों के टूटने के पीछे?

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Prabha Joshi
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एकल परिवार

बढ़ रहे हैं आज एकल परिवार

Nuclear Family: आज के समय में पारिवारिक संरचना बदलती जा रही है। पहले ज्वाइंट फैमली या संयुक्त परिवार हुआ करते थे वहीं आज न्यूक्लियर फैमिली या एकल परिवार ज्यादा चलन में हैं। कुछ तो आजकल का माहौल ही ऐसा हो गया जिसमें एकल फैमिली को लोग ज्यादा सपोर्ट दे रहे हैं। इसके साथ ही अब एकल परिवार और संयुक्त परिवार को मार्डन फैमिली और ट्रेडिशनल फैमिली के नाम से भी पहचान मिल रही है। 

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पहले के परिवार संयुक्त रूप से रहते थे। संयुक्त परिवार का यहां अर्थ है कि एक जेनरेशन से ज्यादा के लोगों का रहना। मसलन माता-पिता और बच्चों के साथ उनके दादा-दादी और दादा-दादी के बच्चों का एक साथ रहना। कई परिस्थितियों में दादा-दादी के भी माता-पिता यानि परदादा-परदादी। वहीं एकल परिवार में स्थिति बिल्कुल भिन्न होती है। इसमें माता-पिता के साथ केवल उनके बच्चे रहते हैं, जो आगे खुद चलकर अपना अलग परिवार बना लेते हैं।

एकल फैमिली के बढ़ते चलने के पीछे आज बहुत से कारण हैं। एकल परिवार या न्यूक्लियर फैमिली के अपने फायदे और नुकसान हैं। हालांकि आज के समय में इसके ज्यादा फायदे को देखते हुए एकल परिवार ज्यादा चलन में आ रहे हैं। आइए जानें :-

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एकल फैमिली के फायदे क्या हैं

बढ़ते एकल फैमिली के पीछे निम्न फायदे हैं। आइए जानें :-

कम वैचारिक मतभेद 

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एकल फैमिली में वैचारिक मतभेद कम या नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए कि यहां परिवार के लोगों की जनसंख्या कम होती है। जो भी पारिवारिक निर्णय होते हैं वो पेरेंट्स लेते हैं, और बच्चों के बड़े होने पर बच्चे खुद ले लेते हैं। 

बेहतरीन इकोनॉमिक स्टेटस

एकल परिवार का इकोनॉमिक स्टेटस ज्वाइंट फैमिली की तुलना में ज्यादा अच्छा हो सकता है। एकल परिवार में पारिवारिक बोझ थोड़ा कम होता है। माता-पिता दोनों ही अगर कमाने वाले होते हैं तो फैमिली की इकोनॉमिक कंडीशन भी अच्छी होती है। 

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बच्चों का स्वतंत्र विकास

एकल फैमिली के बच्चों का विकास स्वतंत्र रूप से होता है। ऐसा इसलिए कि उनके ऊपर केवल उनके माता-पिता होते हैं। बच्चों के विकास के लिए केवल माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। वहीं संयुक्त परिवार में ये स्थिति बदल जाती है। संयुक्त परिवार में बच्चों के पालन-पोषण के पीछे एक बड़ा समाज शामिल हो जाता है। 

पर्याप्त प्राइवेसी 

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संयुक्त परिवार में प्राइवेसी एक बड़ा इश्यू बन जाती है वहीं एकल परिवार प्राइवेसी के एंगल से अच्छे होते हैं। एकल परिवार में किसी तरह की दखलअंदाजी अगर होती है तो पति-पत्नि के आपस में या बच्चों और माता-पिता में। वहीं संयुक्त परिवार में कई परिवारों का दखल सामने आ जाता है। 

ज्यादा इंडीपेंडेंट 

किसी भी विषय को देखें तो एकल परिवार आजादी से जीते हैं। वहीं संयुक्त परिवार में इंडीपेंडेंसी एक बड़ा फैक्टर बन जाता है। इसके कारण बहुत से मतभेद भी सामने आ जाते हैं। कई लोगों को संयुक्त परिवार में आजादी का अभाव-सा लगता है जो एकल परिवार में नहीं होता। 

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कम गृह-कलेश 

संयुक्त परिवार में गृह-कलेश के मामले ज्यादा सामने आते हैं वहीं एकल परिवार में इसका अभाव होता है या गृह-कलेश कम होता है। पहले तो एकल परिवार में गृह-कलेश केवल पति-पत्नि का आपसी मामला होता है लेकिन संयुक्त परिवार में गृह-कलेश के कई कारण बन जाते हैं। 

पुराने रीति-रिवाजों से मुक्ति

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संयुक्त परिवार में समाज और पुराने रीति-रिवाजों के हिसाब से चलने के प्रति ज्यादा बाध्यता होती है। ऐसे बहुत कम संयुक्त परिवार होते हैं जो स्वतंत्र रूप से जीते हैं। वहीं एकल परिवार में पति-पत्नि अपने रीति-रिवाज से जीते हैं। छोटा परिवार होता है सुखी होता है। 

उपर्युक्त कारण ही हैं कि लोग एकल परिवार की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं। एकल परिवार छोटा होने के साथ-साथ इन्हीं कारणों के चलते ज्यादा सुखी होता है। यहां बच्चे अपने माता-पिता को और माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे से समय दे पाते हैं।

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