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केरल में निपाह वायरस की दस्तक: आखिर निपाह वायरस का प्रकोप क्यों चिंताजनक हैं?

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Swati Bundela
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केरल में निपाह वायरस: केरल राज्य चिकित्सा के मामले में सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है। पिछले कई दिनों से अकेले केरल में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले देखने को मिल रहे है वही दूसरी ओर राज्य में निपाह वायरस (Nipah Virus) ने दस्तक दे दी है। रविवार को केरल को कोझिकोड में निपाह वायरस से एक 12 साल के बच्चे की मौत हो गई है।

केरल में निपाह वायरस की दस्तक: बच्चे के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को किया क्वारंटाइन

उस बच्चे के तीन सैंपल पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे और सभी टेस्ट्स में बच्चा निपाह वायरस पॉजिटिव पाया गया। निपाह वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत ने सिर्फ केरल ही नहीं पूरे भारत में चिंता का माहौल बना दिया है।

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केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि "हमने बच्चे के संपर्क में आने वाले सभी लोगो, खासतौर पर परिवार के सदस्यों और देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों का पता लगाया है। इन सभी लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है, और इनमे से 2 स्वास्थ्य कर्मियों में बाद में निपाह के लक्षण दिखाई दिए है।

आपको बता दे की केरल पहले से ही COVID-19 और जीका वायरस के बढ़ते केसेस का सामना कर रहा है। राज्य में प्रतिदिन लगभग 35000 के करीब कोरोना के मामले आ रहे है, वही अब इस निपाह वायरस की दस्तक स्थिति को और गंभीर बना सकती है।

निपाह वायरस की दस्तक क्यों चिंताजनक है?

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दरअसल इससे पहले भी केरल में 2018 में निपाह वायरस का घातक प्रकोप देखा गया था, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई थी। संक्रमण से मृत्यु दर 70 प्रतिशत है। यही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निपाह को "प्राथमिकता वाली बीमारी यानि प्रायोरिटी डिजीज" के रूप में पहचाना गया है। 2021 में फरवरी में जारी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि निपाह उन वायरसों में से एक हो सकता है जो अगली महामारी का कारण बन सकता हैं।

 


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