Maharashtra Mohalla Library : क्लास 6 स्टूडेंट ने स्लम एरिया में लाइब्रेरी खोलीं

Swati Bundela
02 Jul 2021
Maharashtra Mohalla Library : क्लास 6 स्टूडेंट ने स्लम एरिया में लाइब्रेरी खोलीं Maharashtra Mohalla Library : क्लास 6 स्टूडेंट ने स्लम एरिया में लाइब्रेरी खोलीं
Maharashtra Mohalla Library - ये होनहार कहानी एक लड़की के बारे में है जो कि औरंगाबाद से है और 6th क्लास में पड़ती है। इस लड़की का नाम मिर्ज़ा मरियम है और इस ने ही एफर्ट्स लगाकर महाराष्ट्र
में 11 मोहल्ला क्लीनिक खोली हैं। इस से जो बच्चे लॉकडाउन के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे हैं उनको बहुत मदद मिली है।

मरियम ने बच्चों के लिए लाइब्रेरी खोलने का क्यों सोचा ?


स्कूल बंद हैं और उसके पड़ोस में बच्चे दिन भर खेलते हैं, मरियम ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, यही कारण है कि उसने लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया ताकि वे अपने समय का उपयोग कर सकें। 12 वर्षीया ने कहा कि उसके पिता ने पिछले साल उसे 150 बच्चों की किताबें उपहार में दी थीं और उसके पास पहले से ही स्टोर में 150 और किताबें थीं। “मैंने सभी किताबें लाइब्रेरी में रख दीं, जिसमें अब 500 से अधिक किताबें हैं। बच्चे इन किताबों को अपने घर ले जा सकते हैं और 2-3 दिनों के बाद वापस आ सकते हैं, ”औरंगाबाद में कक्षा 6 की छात्र मिर्ज़ा मरियम ने खुलासा किया।

क्या मरियम ने इस से पहले भी कोई सोशल वर्क किया है ?


मरियम ने ऐसा पहली बार नहीं किया है और इस से पहले भी इन्होने इस तरीके की मोहल्ला लाइब्रेरी खोली हैं। इस साल की शुरुआत में, बच्चों के लिए दो मोहल्ला लाइब्रेरी एक ही पड़ोस में स्थापित किए गए थे, जिसमें लगभग 300 पुस्तकों का संग्रह था। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर स्थित रीड एंड लीड फाउंडेशन के उनके पिता मिर्जा अब्दुल कायम ने कहा कि उनकी बेटी के पास किताबों का एक संग्रह है, जिसे उन्होंने जनता के लाभ के लिए उपयोग करने का फैसला किया।

पिछले साल शहर में बच्चों के लिए (10वीं कक्षा तक) पहली मोहल्ला लाइब्रेरी शुरू करने के बाद, जालना, इंदौर, बीड, जलगांव, अहमदनगर शहरों में ऐसी कई पहल हुई हैं। ऐसा ही एक लाइब्रेरी मध्य मुंबई क्षेत्र में भी कथित तौर पर जल्द ही खुलेगा।

मरियम को लाइब्रेरी खोलने का मोटिवेशन कहाँ से आया ?


कोरोनावायरस में बोर होकर छठे-ग्रेडर को घर पर भी एक लाइब्रेरी की स्थापना के लिए प्रेरित किया। मरियम ने कहा, "मैंने घर पर कुछ महीने बिताए थे और कई किताबें पढ़ीं जो मुझे अपने पिता की दुकान से मिलीं।"
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