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अपनी राय जताने के लिए महिलाओं को क्यों करना पड़ रहा है भद्दे कमेंट्स का सामना?

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Swati Bundela
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दिन पर दिन महिलाओं को किसी भी मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने के लिए शर्मिंदा करते हुए देखा जा सकता है और खासकर तब जब मुद्दा पॉलिटिक्स का हो। लेकिन सोशल मीडिया पर सच बोलने वाली महिलाओं को आखिर क्यों इन सब का सामना करना पड़ता है? (महिलाओं का अपमान)

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देश और विदेश की कई महिलाओं ने भारत में चल रहें किसानों के आंदोलन के समर्थन में बात की है, लेकिन उन महिलाओं पर तरह-तरह के कमेंट्स से सोशल मीडिया के माध्यम से उनका मजाक उड़ाया गया। अक्सर जब महिलाएं बोलती हैं, तो उन्हें तुरंत बद्तमीज़, नासमझ, और फूहड़ जैसे शब्दों से शर्मसार किया जाता है और बलात्कार तथा मौत तक की धमकी भी दे दी जाती है। ऐसा ही हुआ जब किसानों के आंदोलन के बारे में रिहाना ने ट्वीट किया और ट्विटर पर बहुत गलत तरीके से ट्रोल हो गईं। उसे तुरंत शर्मिंदा कर दिया गया। ट्रोलिंग का लेवल इतना नीचे गिर गया कि लोगों ने रिहाना को नीचा दिखानें के लिए क्रिस ब्राउन की तारीफ की। लोगों ने उसके साथ हुए वॉयलेंस को सही बताते हुए क्रिस ब्राउन को काफी सराहा।



रिहाना को और उसके करेक्टर को खराब दिखानें में कंगना ने भी ट्रोलर्स का काफी साथ दिया। कंगना ने रिहाना को एक पोर्न स्टार और पोर्न गायिका कहा। उनके अनुसार क्योंकि यदि आप एक संस्कारी महिला नहीं हैं, तो आपके विचारों की कोई वेल्यू नहीं है। कंगना ने रिहाना पर बेवजह और खराब कमेंट्स तो किये ही पर साथ ही ग्रेटा थुनबर्ग को भी नही छोड़ा।
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मामला क्या है? (Mahilaon ka apmaan )



अक्सर देखा गया है कि जो महिलाएं एक्टिवली पॉलिटिक्स के मुद्दों पर अपना ऑपिनियन रखती हैं उन्हें तरह -तरह के भद्दे कमेंट्स और धमकियों का सामना करना पड़ता है। हमारे समाज़ में पुरानी मानसिकता है कि केवल एक निश्चित प्रकार की महिलाएं ही सम्मानजनक हैं जो चुपचाप सहती हैं, सब देखती हैं लेकिन कुछ बोलती नहीं। ऐसे ही मानसिकता को बढ़ावा देने वाले हैं ये ट्रोलर्स। ये ट्रोलर्स उन महिलाओं को काफी ट्रोल करते हैं या तो जिन्हें वो नापसंद करते हैं या फिर उनके एजेंडें के विरूद्ध अपनी आवाज़ उठाती हैं। जब समाज में महिलाएं अपनी राय सार्वजनिक करती हैं तो समाज में हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को रंग देने वाली कुरूपता पर पर्दा पड़ जाता है।
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अपने विचारों के लिए महिलाओं पर लगातार हमला करके ट्रोलर्स एक तरह से महिलाओं को सोशल मीडिया पर अपनी आवाज़ उठाना मुश्किल बना देना चाहते हैं। ये सब हरकतें ऑनलाइन उत्पीड़न, मानसिक स्वास्थ्य और स्थिरता पर काफी भारी असर डालता है। लेकिन अपनी आवाज़ उठाने पर बलात्कार की धमकी, मौत की धमकी, और अपने चरित्र की हत्या का जोखिम क्यों उठाना पड़ रहा है? क्यों महिलाओं का अपमान हो रहा है?

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ऐसा क्यों किया जा रहा है?



सेक्सिस्ट कमेंट्स और धमकियों का उपयोग करके महिलाओं को दबाने के लिए ये काफी आसान तरीका अपनाया जा रहा है जो हमारे समाज में एक मजबूत पकड़ बना रहा है। यह स्पष्ट रूप से क्लियर हो गया है कि ऐसे लोगों का मानना ​​है कि महिलाओं को "उनके स्थान पर रखा जाना" चाहिए। महिलाओं को अपने विचारों के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है, जब तक कि वे उनके विचारों के साथ मेल नहीं खाते। यह इस बात से भी संबंधित है कि भारतीय अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए कितनी बार और किस हद तक जाकर महिलाओं पर हमला करते हैं। (महिलाओं का अपमान)



इसका मकसद हिंसा, अपमानजनक बयानों और धमकियों का उपयोग कर महिलाओं को नियंत्रित करना है। हालांकि, हो सकता है कि बाकि मशहूर हस्तियों ने अपमानजनक टिप्पणियों को नहीं देखा हो लेकिन अन्य महिलाएं टिप्पणियों को देखेंगी। दुर्व्यवहार के शिकार लोग देखेंगे कि किस तरह क्रिस ब्राउन ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। अपनी राय रखने के लिए महिलाओं के प्रति असम्मान और फूहड़ता से पेश आने के नकारात्मक नतीजे सिर्फ उस महिला को प्रभावित नहीं करते हैं, बल्कि यह हर एक महिला को प्रभावित करता है।
सोसाइटी महिलाओं का अपमान रिहाना
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