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Photograph: (Raj Bhavan Manipur)
मणिपुर के नेनलॉंग (अटांगखुल्लेन) गाँव की 51 वर्षीय ASHA वर्कर माइदिनिलिउ प्रिन्माई ने बच्चों तक पोलियो वैक्सीन पहुँचाने के लिए लगातार 8 घंटे पैदल चलते हुए 28 किलोमीटर की दूरी तय की। उनकी निष्ठा और ताकत ने देश भर का ध्यान खींचा है। यह कहानी मणिपुर के पहाड़ी जिले के दूरदराज़ इलाकों की कठिन वास्तविकता को भी बयां करती है।
मणिपुर की ASHA वर्कर ने बच्चों तक पोलियो वैक्सीन पहुँचाने के लिए 28 किमी पैदल तय किए
माइदिनिलिउ प्रिन्माई की कहानी
कठिन पहाड़ी इलाके में भी, ASHA वर्कर प्रिन्माई पिछले 13 वर्षों से अपने गांव के बच्चों और परिवारों की सेवा कर रही हैं। उन्होंने 8 घंटे पैदल, ऊँची और चट्टानी पहाड़ियों को पार करते हुए यह सुनिश्चित किया कि उनके गांव के हर बच्चे को पोलियो वैक्सीन की दो बूंदें मिलें।
मणिपुर राज्य सरकार ने हाल ही में इंटेंसिफाइड पल्स पोलियो इम्यूनाइजेशन (IPPI) अभियान के तहत पूरे राज्य में पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू किया है। प्रिन्माई जैसी ASHA वर्कर्स बच्चों (0-5 वर्ष) तक टीका पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
मणिपुर के राज्यपाल ने दी ASHA वर्कर की सराहना
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने फेसबुक पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "13 वर्षों की निःस्वार्थ सेवा। ASHA वर्कर माइदिनिलिउ (51) ने इंटेंसिफाइड पल्स पोलियो इम्यूनाइजेशन (IPPI) कार्यक्रम के तहत 8 घंटे पैदल पहाड़ियों को पार करके अटांगखुनो और अटांगखुल्लेन गांवों तक पहुँचकर जरूरी स्वास्थ्य सेवाएँ और दवाएँ वितरित कीं ताकि कोई भी बच्चा पीछे न रहे। उनके समर्पण और सेवा भावना को सलाम!"
माइदिनिलिउ प्रिन्माई की चेतावनी और समर्पण
प्रिन्माई के अनुसार, उनके जैसे कई महिलाएँ दूर-दराज़ के गांवों में सही मेडिकल जांच के बिना जीवनयापन करती हैं, चाहे वह गर्भावस्था हो या स्तनपान काल। उन्होंने यह भी बताया कि पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण, जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज या डायग्नोसिस नहीं मिल पाता, और उनका भाग्य ईश्वर पर छोड़ दिया जाता है। प्रिन्माई की अडिग लगन और निःस्वार्थ समर्पण उनके समुदाय की स्वास्थ्य और भलाई के प्रति गहरी जिम्मेदारी का प्रतीक है।