Mayawati's BSP To Fight Lok Sabha Election Solo: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की तरफ से अपने 68वें जन्मदिन पर बड़ा ऐलान किया है जो 2024 में होने वाले इलेक्शन के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए मायावती ने यह साफ कर दिया है कि 2024 में लोकसभा चुनाव बसपा किसी पार्टी या गठबंधन के साथ नहीं बल्कि अकेले लड़ेगी।
2024: जन्मदिन पर मायावती का बड़ा ऐलान, अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव
राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह
22 जनवरी को हो रहे 'राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह' पर सवाल पूछे जाने पर मायावती ने जवाब दिया के मुझे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला है। हालांकि वहां शामिल होने पर मैंने कोई फैसला नहीं दिया है। इस कार्यक्रम का पार्टी को कोई भी एतराज नहीं है। हम इसका स्वागत करते हैं। आगे चलकर अगर बाबरी मस्जिद को लेकर भी ऐसा कोई कार्यक्रम होता है तो हम उसका भी स्वागत करेंगे हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है। हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं।
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— Mayawati (@Mayawati) January 15, 2024
जिंदगी का आखिरी साँस भी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए होगा
मायावती ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यादव पर इंडिया गठबंधन को लेकर कटाक्ष लगाया है। उन्होंने इस बात को भी साफ कर दिया कि राजनीति से संन्यास नहीं ले रही हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीने जब पार्टी की ऑल इंडिया बैठक में आम सहमति को आकाश आनंद को मैंने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया तो मीडिया में यह खबर फैलाई जाने लगी कि मैं जल्द ही राजनीति से संन्यास लेने वाली हूं लेकिन इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। इसके आगे उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी का आखिरी सांस भी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए होगा।
EVM में गड़बड़ी
मायावती ने कहा कि EVM में धांधली और गड़बड़ी के कारण हमारी पार्टी के लोग काफी चिंतित और दुखी है। उन्होंने 2007 के चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि अगर इस बार भी 2007 की तरह चुनाव निरपक्ष होते हैं और EVM में कोई धांधली और गड़बड़ी नहीं होती है तो हमारी पार्टी अच्छे रिजल्ट लेकर आएगी। अब ईवीएम में बहुत धांधली हो रही है जिसके कारण हमें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि अब ईवीएम के विरोध में काफी आवाज़ उठ रही है।
तैयारी और 'दमदारी' के साथ अकेले लड़ेगी चुनाव
मायावती ने बताया कि 2024 के चुनाव बसपा अकेले ही दमदारी के साथ लड़ेगी। हम सभी पार्टियों के साथ दूरी बनाकर रखेंगे। किसी के साथ गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ेंगे।
जातिवादी मानसिकता अभी तक नहीं बदली
मायावती का कहना है कि अधिकांश पार्टियों की जातिवादी मानसिकता अभी नहीं बदली है। यह भी एक मुख्य कारण है कि जिस कारण बसपा किसी के साथ गठबंधन में नहीं लड़ रही है. विरोधी पार्टियों से एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इन नेताओं ने दी जन्मदिन पर बधाई
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।@Mayawati
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 15, 2024
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 15, 2024
ईश्वर से आपके लिए उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना है।@Mayawati
जन्मदिन पर जानिए कुछ विशेष बातें
बसपा सुप्रीमो मायावती जी का जन्म 15 जनवरी 1996 को दिल्ली में हुआ। उनके पिता का नाम प्रभु दास और माता का नाम राम रती था। मायावती अपने घर में तीसरी बेटी थीं और उनका कोई भाई भी नहीं था। उनके पिता डाकघर विभाग के क्लर्क थे। 1975 में उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स में BA की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। B.Ed की पढाई करने के बाद स्कूल में टीचर की नौकरी करने लगीं। उनका सपना IAS बनने का था।
यूपीएससी की तैयारी करने के साथ-साथ उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी हासिल की। काशीराम के साथ आंदोलन में जुड़ने से उनकी राजनीति की शुरुआत हुई।1984 में बसपा की स्थापना की गई और उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन लगातार तीन चुनावों में उन्हें हार मिली।1995 में मायावती ने कुछ बड़ा कर दिखाया और यूपी की पहली दलित महिला सीएम बन गईं इसके बाद 1997, 2002 और 2017 में भी उन्होंने सीएम के तौर पर यूपी की बागडोर संभाली।