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मॉडर्ना ने कहा है कि इनकी वैक्सीन के दो डोज़ होंगे और इससे कोरोना आसानी से पूरे तरीके से प्रोटेक्शन मिलेगा। यह बच्चों के लिए कहा गया है और सभी क्लीनिकल ट्रायल में भी यही रिजल्ट सामने आया है।
इनकी यह वैक्सीन 12 से 17 साल तक के बच्चों के लिए है और इसके लिए इन्होंने इसी साल जून में अप्रूवल के लिए अप्लाई किया था। US ने फ़िलहाल Pfiizer वैक्सीन को तो मंजूरी दे दी है लेकिन मॉडर्ना को अभी तक नहीं दी है। मॉडर्ना का कहना है कि इन्होंने 4753 लोगों पर यह जांच की है और इसके साइड इफेक्ट्स जो सामने आए हैं वो सेरिययस नहीं रहे हैं।
इसके सबसे कॉमन साइड इफ़ेक्ट हैं थकान, भुखार, सर दर्द और इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द होना। वहीं दूसरी और इंडिया की भारत बायोटेक को इंडिया में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है और यह 2 से 18 साल तक के बच्चों के हिसाब से बनाई गयी है। इंडिया में अभी तक बच्चों का वक्सीनशन अभियान चालू नहीं किया गया है और अभी तक सिर्फ तैयारी ही चल रही है।
एक्सपर्ट कहते हैं कि हर वैक्सीन की पहली और दूसरी वैक्सीन के डोज के बीच का फर्क अलग अलग है। जैसे की फाइजर वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 21 दिन का गैप का सुझाव है। पर सभी वैक्सीन के बीच का गैप बीस के आस पास ही है। भारत में हमें जो वैक्सीन लगेगी उसके बीच 4 हफ्ते यानि 28 दिन का अंतर रखने को कहा गया है। आप ये ना सोचें की आपको वैक्सीन लग गयी है तो अब आपको इतिहाद बरतने की जरुरत नहीं है। वैक्सीन लगने के बाद भी आपको सामाजिक दूरी बनाकर रखना है , हाँथ धोते रहना है और मास्क पहन कर रखना है।