Moderna Omicron Vaccine: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बूस्टर डोज़ के लिए मॉडर्ना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल हुआ शुरू

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Swati Bundela
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Moderna Omicron Vaccine: कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन दिसंबर में पहली बार साउथ अफ्रीका में मिला था। उसके बाद इसने एक महीने के अंदर तहलका मचा कर रख दिया था। इसके लिए अब अलग से वैक्सीन यानि बूस्टर डोज़ बनाया जा रहा है। यह बूस्टर डोज़ मॉडेर्ना कंपनी बना रही है।

मॉडेर्ना का बूस्टर डोज़ का ट्रायल कैसा हो रहा है?

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मॉडेर्ना इसके लिए आज से क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर चुकी है। यह ट्रायल 600 लोगों पर किया जाएगा। इन में से आधे लोगों को मॉडेर्ना के दोनों डोज़ लग चुके हैं 6 महीने पहले। इसके अलावा आधे लोगों को दो डोज़ और बूस्टर डोज़ भी लग चुका है।

यह जो बूस्टर डोज़ तैयार किया जा रहा है यह खास तौर पर ओमिक्रोन के लिए होगा और तीसरे और चौथे डोज़ की तरह दिया जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बूस्टर डोज़ को लेने के 6 महीने बाद ओमिक्रोन के खिलाफ इसका असर 6 गुना कम हो जाता है। यह इंजेक्शन लेने के 29 दिन बाद देखा गया था।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़शन का ओमिक्रोन को लेकर क्या कहना है?

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने ट्वीट करते हुए कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट वैक्सीन लगे और बिना वैक्सीन लगे दोनों लोगों को अटैक कर रहा है। लेकिन वैक्सीन जरुरी है क्योंकि इसके होने ने मामले सामने तो आ रहे हैं लकिन परिस्तिथि बिगड़ नहीं रही है और सीरियस नहीं हो रही है।

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इन्होंने बताया कि वैक्सीन के अलावा इंसान की बॉडी के हिसाब से भी वैसे असर करती है। बूढ़े लोगों में उम्र के कारण और अन्य बिमारियों के कारण यह वायरस उन्हें कमज़ोर कर देता है। साइंटिस्ट सौम्या ने इस बात पर जोर डाला है कि भले ही मामले बढ़ रहे हैं लेकिन कि सीरियस नहीं हो रहा है और वायरस नंबर्स के हिसाब से नुकसान नहीं पंहुचा रहा है।

दिसंबर में ओमिक्रोन साउथ अफ्रिका मे मिलने के बाद से कोरोना के मामले 44 % बड़े हैं। इसके चलते इंडिया में इसे तीसरी लहर का नाम दिया जा रहा है लेकिन इस में पहली और दूसरी लहर जितना नुकसान नहीं है। कोरोना के इस नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले वापस से कम होने लगे हैं और दिल्ली में दिन का लॉकडाउन हटा दिया गया है।





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