मोदी सरकार और कैबिनेट का बड़ा फैसला किसानों के हक़ में मंगलवार को सुनने को मिला। जब केंद्र सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दे दी। Modi Cabinet ने बड़ा फैसला लेते हुए गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये की बढ़ोत्तरी की है।
Modi Cabinet का बड़ा फैसला, किसानों को मिला दिवाली गिफ्ट
18 अक्टूबर 2022, मंगलवार को मोदी सरकार ने किसानों को यह तोहफा दिया। जिसके तहत 2023-24 सीजन के लिए छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दे दी गई है। यह सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से दिवाली से पहले ही किसानों के लिए एक बहुत बड़ा दिवाली गिफ्ट माना जा रहा है। इस बड़े फैसले को लेते हुए सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये और जौ में 100 रुपये की बढ़ोत्तरी की है, और फिर इस तरह गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये, जौ में 100 रुपये, चना को 105 रुपये, मसूर में 500 रुपये, रेपसीड और सरसों के 400 रुपये और कुसुम के एमएसपी में 209 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
कितना तय हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य?
न्यूनतम समर्थन मूल्य उस दर को कहते हैं जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है। फिलहाल सरकार 23 खरीफ और रबी फसलों के लिए MSP तय करती है। रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर में शुरू होती है। जिसमें गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं।
मोदी कैबिनेट सरकार ने एक बयान में कहा, “मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए रबी फसलों के लिए MSP में इजाफा केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है। जिसमें MSP को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत का 1.5 गुना पट्टे के स्तर पर तय किया गया है। इसका लक्ष्य किसानों को उचित पारिश्रमिक देना है।"
ऑफिसियल बयान
ऑफिसियल बयान में कहा गया है, “सरकार की प्राथमिकता तिलहन और दालों का उत्पादन बढ़ाना है और इस प्रकार आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को पूरा करना है। जिसके लिए किसानों का पुरजोर समर्थन और सहायता जरुरी है।"