![Naima Khatoon Gulrez Becomes First Woman VC of Aligarh Muslim University](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/hindi/media/media_files/inQbflxGDADbwMVSFTCt.png)
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Naima Khatoon Gulrez Becomes First Woman VC of Aligarh Muslim University : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के 123 साल के गौरवशाली इतिहास में पहली बार किसी महिला को कुलपति के पद पर नियुक्त किया गया है। यह उपलब्धि हासिल करने वालीं डॉ. नईमा खातून गुलरेज़ 2014 से AMU महिला कॉलेज की प्राचार्या के रूप में कार्यरत थीं। उन्हें 22 अप्रैल 2024 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा कुलपति पद पर नियुक्त किया गया।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति बनीं नईमा खातून गुलरेज़
पिछले नवंबर में AMU कोर्ट ने इस पद के लिए तीन उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया था और अंतिम चयन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनकी सूची भेजी थी। रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने 9 अप्रैल को शिक्षा मंत्रालय को अपनी मंजूरी दे दी थी, लेकिन इस शर्त के साथ कि डॉ. गुलरेज़ की नियुक्ति को सार्वजनिक नहीं किया जाए और इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अब देश का तीसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया है, जिसे पहली महिला कुलपति मिली है। इससे पहले, जामिया मिलिया इस्लामिया ने अप्रैल 2019 में प्रोफेसर नजमा अख्तर और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने फरवरी 2022 में प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुडी पंडित को कुलपति के रूप में नियुक्त किया था। डॉ. नईमा खातून गुलरेज़ को कुलपति पद पर पांच साल का कार्यकाल दिया गया है।
कौन हैं डॉ. नईमा खातून गुलरेज़?
डॉ. नईमा खातून गुलरेज़ ने AMU से ही मनोविज्ञान में पीएचडी की है और 1988 में उसी विभाग में उन्हें लेक्चरर के रूप में नियुक्त किया गया था। 2006 में वह प्रोफेसर बनीं और 2014 में उन्हें प्राचार्या के पद पर पदोन्नत किया गया। वर्ष 2015 में डॉ. गुलरेज़ को AMU के कौशल विकास और कैरियर नियोजन केंद्र का निदेशक नियुक्त किया गया।
रिपोर्टों के अनुसार, डॉ. गुलरेज़ ने एक शैक्षणिक वर्ष के लिए मध्य अफ्रीका के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, रवांडा में भी पढ़ाया है। उन्होंने कथित तौर पर छह पुस्तकों का लेखन/सह-लेखन/संपादन किया है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में शोधपत्र भी प्रकाशित किए हैं।
विवादों के बाद मिली नियुक्ति
उनकी नियुक्ति कुलपति चयन प्रक्रिया को लेकर कई महीनों से चले विवाद के बाद हुई है। नवंबर 2023 में डॉ. गुलरेज़ को शॉर्टलिस्ट किए जाने को लेकर आपत्ति जताई गई थी, क्योंकि उनके पति, कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़, उस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें उन्हें सूची में शामिल किया गया था। हालांकि, भारतीय निर्वाचन आयोग ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी और 9 अप्रैल को शिक्षा मंत्रालय को हरी झंडी दिखा दी।
डॉ. नईमा खातून गुलरेज़ की नियुक्ति अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है। उम्मीद है कि डॉ. गुलरेज़ अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।