Nepal में Social Media बैन के बाद Gen Z ने किया विरोध प्रदर्शन शुरू, कई लोगों की मौत

नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया, जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब शामिल हैं। युवाओं ने इसके विरोध में संसद भवन तक मार्च किया और प्रदर्शन शुरू किया।

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Rajveer Kaur
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Nepal Protests

Photograph: (SUDIKSHA TULADHAR, SANGYA LAMSAL/NEPALI TIMES X)

नेपाल में इस समय हालात बहुत खराब हो चुके हैं क्योंकि Gen Z और युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस प्रदर्शन में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। यह आंदोलन सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए बैन के बाद शुरू हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प भी हुई। चलिए पूरी खबर जानते हैं।

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Nepal में Social Media बैन के बाद Gen Z ने किया विरोध प्रदर्शन शुरू, कई लोगों की मौत 

नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

नेपाल में सोशल मीडिया बैन के विरोध में युवाओं और छात्रों ने संसद भवन तक मार्च किया। प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड तोड़े गए और कुछ प्रदर्शनकारी परिसर के भीतर तक घुस गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन के आसपास कर्फ्यू लागू कर दिया। यह विरोध सिर्फ सोशल मीडिया बैन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के खिलाफ भी आवाज़ उठाई गई।

26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन

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गौरतलब है कि पिछले हफ्ते नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया था, क्योंकि ये प्लेटफॉर्म संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकरण नहीं करा सके थे। कंपनियों को 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया गया था, लेकिन तय अवधि में पंजीकरण न होने पर सरकार ने कड़ा कदम उठाया। यह फैसला मंत्री गौरांग की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लिया गया था, जिसमें मंत्रालय के अधिकारी, नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

नेपाल सरकार द्वारा लगाए गए सोशल मीडिया बैन की लिस्ट में इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब, वाइबर और बॉटिम समेत 26 बड़े प्लेटफॉर्म शामिल हैं। ये सभी प्लेटफॉर्म नेपाल की जनता, खासकर युवाओं की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं।

प्रदर्शन के दौरान कुछ समय के लिए इंटरनेट और फोन सेवाएं भी बंद कर दी गईं। वहीं, प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि यह बैन उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है और जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा।

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पूरा मामाला 

आंकड़ों के मुताबिक, नेपाल की लगभग 90% आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल करती है, जिसमें लाखों युवा शामिल हैं। ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म न सिर्फ परिवार और दोस्तों से जुड़ने के लिए जरूरी हैं, बल्कि कई लोग घर बैठे अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम भी करते हैं।

सरकार का कहना है कि यह कदम गलत जानकारी, नफरत फैलाने वाले कंटेंट और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है। साथ ही, इससे विदेशी टेक कंपनियों को नेपाल के कानून के दायरे में लाया जा सकेगा। 

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यह फैसला नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया, जिसमें कहा गया था कि बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी प्लेटफॉर्म देश में संचालित नहीं हो सकता। सरकार ने साफ किया है कि अगर ये कंपनियां रजिस्ट्रेशन और नियमों का पालन करती हैं, तो प्लेटफॉर्म्स को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा।