नई दिल्ली रेल्वे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बीच बच्चे के साथ महिला कांस्टेबल ड्यूटी पर डटी, जानें घटना से जुड़ी डिटेल्स

शनिवार यानी 15 फरवरी, 2025 की रात को 9:26 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई जिसमें 18 लोगों ने अपनी जान गवा दी। इनमें 14 महिलाएं, 4 पुरुष और 2 बच्चे शामिल थे।

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Rajveer Kaur
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New Delhi Stampede

Image Credit X (PTI)

New Delhi Railway Station Stampede: शनिवार यानी 15 फरवरी, 2025 की रात को 9:26 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई जिसमें 18 लोगों ने अपनी जान गवा दी। इनमें 14 महिलाएं, 4 पुरुष और 2 बच्चे शामिल थे। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं। घटना से प्रभावित हुए लोगों को RML अस्पताल लिजाया गया। यह हादसा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 13, 14 और 15 नंबर पर हुआ। चलिए सभी जरूरी बातें जानते हैं-

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नई दिल्ली रेल्वे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बीच बच्चे के साथ महिला कांस्टेबल ड्यूटी पर डटी, जानें घटना से जुड़ी डिटेल्स

Indian Express के अनुसार, शनिवार को हुई भगदड़ के बाद रेलवे पुलिस बल की अधिकारी प्लेटफॉर्म 16 पर अपनी 1 साल की बच्ची के साथ ड्यूटी पर डटी रही। इसका नाम रीना है।

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भगदड़ क्यों हुई?

शनिवार को नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हो जाती है जिसमें कई लोगों की जान भी चली गई। दरअसल, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जाने के लिए शाम से ही लोग आने लगे। PTI के अनुसार, इस दौरान दो ट्रेनें स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस में देरी हो जाती है। इस कारण यात्रियों की भीड़ जमा हो गई। स्टेशन के प्लेटफार्म 14 पर मगध एक्सप्रेस और प्लेटफार्म 15 पर क्रांति एक्सप्रेस पहुंचती है।

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प्लेटफॉर्म पर भ्रम की तब पैदा हो गई जब यात्री प्रयागराज एक्सप्रेस और प्रयागराज स्पेशल में कंफ्यूज हो गई। ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, खासकर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन की घोषणा के कारण एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर भीड़ उमड़ पड़ी। प्रयागराज एक्सप्रेस पहले से ही प्लेटफार्म 14 पर थी। वही प्रयागराज स्पेशल प्लेटफार्म नंबर 16 पर पहुंच रही थी। इसकी अनाउंसमेंट के कारण यात्रियों में कंफ्यूजन हो गई और सभी प्लेटफार्म नंबर 14 के यात्री प्लेटफार्म नंबर 16 की तरफ भागने लगे क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी ट्रेन इस प्लेटफार्म पर आने वाली है। इस कारण और भगदड़ शुरू हो गई।

इसके साथ एक स्पेशल ट्रेन की घोषणा और हर घंटे 1,500 से अधिक सामान्य टिकटों की बिक्री हो रही थी जिसने भीड़ को और बढ़ा दिया। इससे यात्रियों के प्लेटफॉर्म 14 से 16 पर जाने पर अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई।

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चश्मदीदों ने क्या कहा?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बारे में चश्मदीद ने बताया, "भीड़ हद से ज़्यादा थी, लोग (फुटओवर) ब्रिज पर जमा थे... इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने रेलवे स्टेशन पर इतनी बड़ी भीड़ पहले कभी नहीं देखी, त्योहारों के दौरान भी नहीं। प्रशासन के लोग और NDRF के जवान भी वहाँ मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ हद से ज़्यादा हो गई, तो उन्हें नियंत्रित करना संभव नहीं था..."

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एक चश्मदीद और जीवित बचे गुप्तेश्वर यादव कहते हैं, "...मेरी पत्नी लापता है। मैंने उसे आखिरी बार कल रात 8:30-9 बजे देखा था। मैं एलएनजेपी अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल गया था। मैंने पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है..."

एलएनजेपी अस्पताल की कर्मचारी गीता कहती हैं, "... रात 10 बजे से ही यहां घायलों और शवों को लाया जाने लगा। 15 शव और 10-12 घायल लाए गए... मृतकों में तीन बच्चे भी थे..."

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एक चश्मदीद तुषार कहते हैं, "जब मैं प्लेटफॉर्म पर गया तो देखा कि वहां बहुत भीड़ थी। अचानक मैंने देखा कि लोग बेहोश होकर सीढ़ियों से गिर रहे थे। वहां एक आदमी था जिसकी पत्नी और बेटी बेहोश पड़ी थीं। हम उसकी बेटी को लेकर नजदीकी अस्पताल गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन हमने उसके पिता को इसकी सूचना नहीं दी। बाद में उसे एलएनजेपी रेफर कर दिया गया...हम उसका शव लेकर अस्पताल पहुंचे..."

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एलएनजेपी अस्पताल के शवगृह में अपने रिश्तेदार का शव लेने पहुंची मृतक की रिश्तेदार पूनम देवी ANI से कहती हैं, "अचानक घोषणा हुई कि ट्रेन प्लेटफॉर्म 14 पर आने वाली है। लोग भागने लगे और भगदड़ मच गई... मुझे सूचना मिली कि शव यहां रखे गए हैं इसलिए मैं अपने रिश्तेदार का शव लेने यहां आई हूं... हम छपरा, बिहार जा रहे थे... मुझे अपनी ट्रेन टिकट के बारे में कुछ पता नहीं है और न ही मुझे पता है कि मुझे किस ट्रेन में सवार होना था।"

मृतकों के परिवार को मुआवजा

भारतीय रेलवे ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

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