Budget Session: महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर संसद में मचा हंगामा

बजट सेशन के आज तीसरे दिन ही संसद में हंगामा हो गया जिसने दोनों सदनों की कार्यवाही में खनन डाल दिया। यह हंगामा महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर हुआ जहां पर विपक्ष ने भगदड़ में हुई मौतों का सही आंकड़ा माँगा।

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Rajveer Kaur
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Image Credit: Sansad TV/YouTube/ANI

Parliamentary Uproar Over Maha Kumbh Stampede: बजट सेशन के आज तीसरे दिन ही संसद में हंगामा हो गया जिसने दोनों सदनों की कार्यवाही में खनन डाल दिया। यह हंगामा महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर हुआ जहां पर विपक्ष ने भगदड़ में हुई मौतों का सही आंकड़ा माँगा। इसके बाद राज्यसभा में भी हंगामा देखने को मिला। इसके साथ ही वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट भी आज संसद में नहीं पेश होगी। चलिए पूरी घटना जानते हैं- 

महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर संसद में मचा हंगामा

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महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

इस नारेबाजी पर ओम बिरला ने सख्ती से पूछा, "आपको जनता ने यहां सवाल पूछने के लिए भेजा है या फिर मेज तोड़ने के लिए, अगर मेज तोड़नेे भेजा है तो और जोर से मारिए"।

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट

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सिर्फ लोकसभा में ही नहीं बल्कि राज्यसभा में भी ममहाकुंभ भगदड़ को लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर  हंगामा किया। राज्यसभा की कार्यवाही थोड़ी देर तक चली और उसके बाद सभी विपक्षी सांसदों ने संसद से वॉकआउट कर दिया।

यह हंगामा 29 जनवरी, 2025 को हुई उस दुखद घटना के जवाब में था, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।

प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग

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लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल स्थगित करने और भगदड़ पर चर्चा की मांग की।

स्पीकर ने कहा सभी को पर्याप्त समय मिलेगा

स्पीकर ओम बिरला ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान किसी और विषय पर बात करने पर आपत्ति जताई और इसके बाद किसी भी विषय पर बात की जा सकती है। उन्होंने कहा, "माननीय सदस्यगण मैं आपसे आग्रह करना चाहता हूं कि जिन मुद्दों को आप उठाना चाहतें हैं, राष्ट्रपति अभिभाषण में आप उन सारे मुद्दों और विषयों को उठा सकते हैं। मैं आप सबको पर्याप्त समय और अवसर दूंगा ।

धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा

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न्यायिक जांच का आदेश

29 जनवरी 2025 को महाकुंभ में हुई भगदड़ के रिस्पांस में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया था। इसके लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया। सरकार ने पीड़ितों के परिवारों के लिए वित्तीय मुआवजे की भी घोषणा की है और इस बात पर जोर दिया है कि स्थिति को संभालने के लिए उपाय किए गए थे।

इस आयोग का मुख्य काम भगदड़ के पीछे के कारणों का पता लगाना है। इस हादसे में कम से कम 30 लोगों की मृत्यु हो गई और 60 लोग घायल हो गए। एक महीने का समय आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए दिया गया था। हालांकि, न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा है कि यदि संभव हो तो प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।

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