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पटियाला रेप केस : एक 14 साल के लड़के पर आरोप है कि उसने 2 साल की बच्ची का 4 अप्रैल, रविवार को रेप किया। वह छोटी बच्ची उस समय अपने घर के टेरेस पर खेल रही थी। पुलिस ने 7 अप्रैल, बुधवार को आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर दिया है।
यह घटना पटियाला सिटी की यादवेंद्र कॉलोनी की है। उस बच्ची का अभी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ट्रीटमेंट हो रहा है। बच्ची के ट्रीटमेंट के साथ ही उसका मेडिकल एग्जामिनेशन भी करा गया। रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। पटियाला रेप केस
पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए लिखा है कि आरोपी उस छोटी बच्ची के साथ उसके घर के टेरेस पर खेल रहा था। उस लड़के पर यह आरोप है कि जब बच्ची की मां घर से बाहर थी, तब उसने आकर बच्ची का रेप किया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उसकी मां और उसके दादाजी उसे बचाने आए। आरोपी लड़के ने बच्ची को उसकी मां को दिया और वहां से भाग गया। आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
एक रिपोर्ट की मानें तो वह लड़का बाहर गली में खेल रहा था, जब उसने पीड़िता की मां को घर से बाहर जाते देखा, तो उसने इस सिचुएशन का फायदा उठाया और घर में घुस गया। लेकिन जैसे ही वह छोटी बच्ची रोने लगी और उसकी मां वापस आ गई तो उन्होंने उस लड़के को उसका रेप करते हुए पाया।
पुलिस ऑफिसर लखविंदर सिंह इस केस को इन्वेस्टिगेट कर रहे हैं। उनका कहना है कि, "जो रेप सर्वाइवर की मां है, उन्होंने कहा उनकी बेटी रो रही थी जब वे वहां पहुंची और लड़का वहां से भागने में कामयाब हो गया। हमने इस केस को इंडियन पेनल कोड (IPC) की धारा 376 और POCSO एक्ट की धारा 4 के तहत दर्ज किया है"।
पुलिस ने आगे यह बताया की मेडिकल एग्जामिनेशन की जो रिपोर्ट आएगी, उसे देखकर ही आगे डॉक्टर इस बारे में कुछ कह पाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी कक्षा सातवीं का पढ़ने वाला है और उसे गिरफ्तारी के बाद जुवेनाइल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।
ऐसे ही एक और केस में, पिछले साल दिसंबर में किशोर बालक ने एक 4 साल की बच्ची का रेप कर दिया गया। आरोपी उस बच्ची का संबंधी था और उसी के पड़ोस में रहता था।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का कहना है कि भारत में 94% रेप के केस में गुनहगार पीड़ित लड़की का जान पहचान वाला ही होता है। यह एक बहुत ही गंभीर और सोचने वाली बात है। यह सभी अभिभावकों पर सवाल उठता है कि वे अपने बच्चों को सेक्सुअल सेफ्टी और सेक्सुअल असाल्ट से कैसे डील करना सिखाते हैं।