पालतू जानवरों के अनुकूल बने पंडाल
नवरात्रि का माहौल है और हर साल की तरह इस साल भी बंगाल के दुर्गा पंडाल अपनी ख़ासियत के लिए चर्चा का विषय बने हुए है। इस वर्ष यह पंडाल पालतू जानवरों के सुविधा अनुसार डिज़ाइन किए हैं। यह एक काफी बड़ा सामाजिक परिवर्तन है। इस बार दुर्गा पूजा उत्सव में कोलकाता में दो पंडाल पालतू जानवरों के अनुकूल बनाए गए हैं।
रविवार को इन पालतू थीम पर बने दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन के मौके पर कोलकाता पुलिस डॉग स्क्वायड के सदस्य मौजूद थे। कोलकाता के बेहला क्लब दुर्गा पूजा पंडाल में लोग अपने पालतू जानवर कुत्तों या बिल्लियों के साथ माता के दर्शन करने आ सकते हैं। यही नही कोलकाता का विधान सारणी टलस क्लब भारतीय नस्ल के कुत्तों की थीम पर डिज़ाइन किया गया है। यह विचार और डिज़ाइन कलाकार सयाक राज की सोच है।
इस दिन जानवरों के लिए खुलेंगे पंडाल
नवरात्रि में प्रतिपदा और तृतीया के दिन पालतू जानवरों के लिए पंडाल खोले जाएंगे। लेकिन अगर नवरात्रि के बाकी दिन भी आप अपने पालतू जानवरो को पंडाल ले जाना चाहते हैं तो इसके लिए आप आयोजको से एक हेल्पलाइन नंबर पर इससे संबंधित बात कर सकते हैं। ऐसे में जो लोग अपने जानवरो के साथ आना चाहते हैं, उन्हें स्पेशल एंट्री गेट से अंदर आने दिया जाएगा।
बड़ा है यह सामाजिक परिवर्तन
इस साल ऐसी खबरें बहुत सुनने को मिली और चर्चा का विषय भी बनी रही जहां पर लोग अपने पालतू जानवरों को मंदिर ले जाते थे और फिर उन पर धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा। ऐसा ही एक केस बाबा केदारनाथ के दरबार से सामने आया था। इस संबंध में कलाकार सयाक राज कहते है, "केदारनाथ धाम भगवान शिव का स्थान है, जिन्हें पशुपतिनाथ अर्थात् जानवरों के भगवान के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन फिर भी मंदिर में एक पालतू कुत्ते के जाने पर इतना विवाद हो गया।"
हमारे सनातन धर्म में लगभग हर देवी-देवता के साथ कोई जानवर या पक्षी जुड़ा हुआ है जैसे मोर, उल्लू, चूहा, शेर, नन्दी आदि। ऐसे मे यह सामाजिक परिवर्तन काफी बड़ा और बेहतरीन माना जा रहा है। उम्मीद है इससे समाज को सही संदेश मिलेगा और यह उचित बदलाव को बढ़ावा देगा।