Sushma Swaraj Birth Anniversary: भारत की पूर्व विदेश मंत्री जिन्होंने राजनीति में अपना लोहा मनवाया

सुषमा स्वराज भारत की पूर्व विदेश मंत्री रह चुकी हैं। इसके साथ ही दिल्ली की महिला सीएम की सूची में भी उनका नाम शामिल है। आज उनकी जयंती है। चलिए आज उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें जानते हैं-

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Rajveer Kaur
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Sushma Swaraj Anniversary:

Photograph: (Wikipedia )

Sushma Swaraj Birth Anniversary: सुषमा स्वराज भारत की पूर्व विदेश मंत्री रह चुकी हैं। इसके साथ ही दिल्ली की महिला सीएम की सूची में भी उनका नाम शामिल है। आज उनकी जयंती है। भारत की राजनीति में बहुत कम महिलाएं हुईं हैं जिन्होंने लोहा मनवाया है। सुषमा स्वराज उनमें से एक हैं। संसद में उनके दिए हुए भाषण की चर्चा चारों तरफ होती थी। उनका 52 दिनों के कार्यकाल ने दिल्ली में अलग ही माहौल पैदा कर दिया। चलिए आज उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें जानते हैं-

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भारत की पूर्व विदेश मंत्री जिन्होंने राजनीति में अपना लोहा मनवाया

1. सुषमा का जन्म 14 फरवरी, 1952 को अंबाला, हरियाणा में हुआ। उनके पिता RSS के मेंबर थे। उन्होंने संस्कृति और पॉलिटिकल साइंस में बैचलर डिग्री अंबाला से की और उसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से लाॅ की पढ़ाई की।

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2. स्वराज ने अपनी राजनीतिक यात्रा 1970 के दशक में शुरू किया जब उन्होंने RSS की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को जॉइन किया। 

3. उनकी शादी स्वराज कौशल के साथ 13 जुलाई 1975 को हुई। यह इमरजेंसी का दौर था। इनके प्यार की शुरुआत भारत के सर्वोच्च न्यायालय में शुरू हुई जब वे एक साथ प्रैक्टिस कर रहे थे। स्वराज वरिष्ठ अधिवक्ता और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल रहें। इन दोनों की एक बेटी बांसुरी स्वराज हैं जो राजनीति में प्रवेश कर चुकी हैं।

4. सुषमा सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं। वह 1977 अंबाला विधानसभा कैंट से चुनाव जीतकर, 25 साल की उम्र में, हरियाणा में विधायक बनने वाली पहली महिला थीं। उस समय जनता पार्टी की सरकार थीं और उन्होंने श्रम और रोजगार मंत्रालय में सेवा की।

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5. दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य भी सुषमा स्वराज को प्राप्त है। 1998 में उन्हें 52 दिनों के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इस पद को संभालने वाली वह पहली महिला बनीं।

6. 19 मार्च, 1998 में सुषमा स्वराज द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्री के तौर पर शपथ ली गई। उस समय अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी। उनके कार्यकाल में ही संसद की कार्यवाही को दूरदर्शन पर पहली बार लाइव किया गया था।

7. इमरजेंसी के दौरान सुषमा स्वराज बैंगलोर की जेल में भी रहीं। इस दौरान उन्होंने कन्नड़ भाषा को सीखा और 1999 में चुनावी भूषण को कन्नड़ भाषा में दिया।

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8. सोनिया गांधी के प्राइम मिनिस्टर बनने पर उन्होंने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने यह तक भी कह दिया था कि अगर सोनिया गांधी पीएम बनती हैं तो वह अपना सिर मुंडवा लेंगी।

9. सुषमा स्वराज ने 2014 से 2019 तक भारत के विदेश मंत्री का पद सम्भाला। उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में शपथ ग्रहण की। इंदिरा गांधी के बाद यह पद संभालने वाली वह दूसरी महिला थीं।

10. 2020 में उन्हें मरणोपरांत सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्म विभूषण" से सम्मानित किया गया।

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