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सनदेह के घेरे में सनदेशखाली मामला! महिला ने लगाया झूठा आरोप का दबाव बनाने का आरोप

सनदेशखाली दुष्कर्म मामले में नया मोड़! महिला का आरोप है कि उसे खाली कागज पर दस्तखत कर झूठा मुकदमा दर्ज कराने के लिए मजबूर किया गया। जानिए पूरा मामला और अब तक की जांच में क्या सामने आया है।

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Vaishali Garg
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Sandeshkhali (The Economic Times)

Sandeshkhali Rape Case: Woman Claims Forced False Accusation: सनदेशखाली यौन उत्पीड़न मामले में एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसे और कुछ अन्य महिलाओं को एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। इस कागज का इस्तेमाल बाद में स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाने के लिए किया गया।  

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सनदेह के घेरे में सनदेशखाली मामला! महिला ने लगाया झूठा आरोप का दबाव बनाने का आरोप

खाली कागज पर हस्ताक्षर, फिर झूठा आरोप

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों ने उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग के कहने पर बलात्कार के झूठे मामले दर्ज करने के लिए मजबूर किया। महिला ने आरोप लगाया कि कई महिलाएं 100 दिनों की मनरेगा योजना के तहत पैसा नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराना चाहती थीं, लेकिन उन्हें एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया।

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बलात्कार का झूठा मामला वापस लेने के बाद महिला पर दबाव

बलात्कार के मामले को वापस लेने के बाद, महिला ने कथित तौर पर धमकियों और सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई। "हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ (बलात्कार)। हम ऐसी चीजों में शामिल नहीं हैं। हम गरीब लोग हैं और अपना जीवन यापन करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं," उसने आरोप लगाया।

राष्ट्रीय महिला आयोग पर भी आरोप

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महिला ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय महिला आयोग की दो सदस्यों ममपी दास और पियाली दास ने उसे और उसकी सास को जबरन एक खाली कागज पर दस्तखत करवाया, जिसका इस्तेमाल बाद में तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाने के लिए किया गया। उसने मीडिया को बताया, "ममपी ने हमें सफेद कागज पर दस्तखत करवाकर फंसाया। हम चाहते हैं कि उसे सजा मिले और इस मुद्दे से मुक्ति मिले।"

न्यायाधीश के समक्ष बयान दर्ज

8 मई को, महिला और उसकी सास ने कथित तौर पर मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। "हम किसी भी झूठी शिकायत से जुड़े नहीं रहना चाहते ... हमारे मोहल्ले में भी कोई हमसे बात नहीं कर रहा है। जब मैंने उनसे झूठी शिकायत वापस लेने के लिए कहा तो मुझे भगा दिया गया," उसने इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार बताया।

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राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मामला

यह घटनाक्रम पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच चल रहे राजनीतिक संघर्ष के बीच सामने आया है। जनवरी 2024 में शुरू हुआ सनदेशखली मामला देशभर में चर्चा में रहा। कई महिलाओं ने तृणमूल के नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।  

सनदेशखली मामले में अभी भी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। यह देखना बाकी है कि क्या महिला के आरोपों की जांच होगी और क्या इन झूठे आरोपों के लिए कोई कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में राजनीति कितनी बड़ी भूमिका निभा रही है, यह भी एक जटिल सवाल है। 

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