/hindi/media/media_files/2025/01/04/CVYtvWI12IIRh6RpqW1j.png)
Photograph: (Indian Express)
SC Told India Can Do Little to Help Nimisha Priya: भारत की 37 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सज़ा सुनाई गई है। उन्हें 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। इस मामले को लेकर 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। यह याचिका इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल द्वारा दायर की गई थी, जो निमिषा की जान बचाने के लिए प्रयास कर रही है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार इस मामले में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
Nimisha Priya मामले में भारत की भूमिका सीमित, केरल CM ने जताया समर्थन
2017 से यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को मौत की सजा दी जाएगी। उन पर यमनी नागरिक की मौत का आरोप है। ऐसे में आज यानि सोमवार को उनकी मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई की। इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता ने की। ANI के अनुसार, इस याचिका में भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह यमन में एक हत्या के मामले में मौत की सज़ा का सामना कर रही भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को बचाने के लिए कूटनीतिक बातचीत के ज़रिए दखल दे।
याचिका में भारत सरकार से कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की गई है। वकील के मुताबिक, अगर मृतक का परिवार 'ब्लड मनी' स्वीकार करता है तो यही एकमात्र रास्ता है।
The Supreme Court hears a plea seeking directions to the Indian government to intervene and save Nimisha Priya, an Indian national facing the death penalty in a murder case in Yemen, through diplomatic negotiations.
— ANI (@ANI) July 14, 2025
Counsel for Priya informed the Court that the only remaining… pic.twitter.com/oRicFNHMIs
AGI ने क्या बताया?
ANI की जानकारी के अनुसार, "भारत के अटॉर्नी जनरल (AGI) ने कोर्ट को बताया कि भारत सरकार प्रिया की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि यमनी अधिकारियों, खासकर मामले के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर से बातचीत चल रही है ताकि प्रिया की फांसी पर फिलहाल रोक लगाई जा सके और बातचीत का रास्ता खुला रहे"।
However, the AGI also admitted that the Indian government’s ability to intervene is limited, describing it as “a very complex issue,” adding, “there’s no way we can know what’s happening [in Yemen].”
— ANI (@ANI) July 14, 2025
During the hearing, Justice Sandeep Mehta expressed deep concern and remarked…
AGI ने SC को बताया कि मामला जटिल है
आगे की जानकारी के अनुसार, अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत सरकार की दखल देने की सीमित क्षमता है और यह मामला बेहद जटिल है। उन्होंने कहा, “हम यह नहीं जान सकते कि यमन में क्या हो रहा है।” सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप मेहता ने चिंता जताते हुए कहा कि अगर प्रिया की जान चली गई तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 जुलाई को तय की है और कहा कि तब तक पक्षकार मामले की स्थिति से अवगत कराएं।
CM ने PM से की तुरंत दखल देने की अपील
केरल CM पिनाराई विजयन ने लिखा, "मैंने माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को पत्र लिखकर निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए तुरंत हस्तक्षेप की अपील की है। वह अब भी यमन में क़ैद हैं। केरल सरकार उनके बरी होने और सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास कर रहे सभी लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है"।
Wrote to Hon'ble PM Shri @narendramodi Ji urging urgent intervention to secure the release of Nimisha Priya, who remains imprisoned in Yemen. The Govt of Kerala stands firmly with all those working towards her exoneration and safe return. pic.twitter.com/IekEHsxi3h
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) July 14, 2025