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मिलिए राष्ट्रीय शकर संस्थान की प्रथम महिला निदेशक डॉ सीमा परोहा से

डॉ सीमा परोहा ने राष्ट्रीय शुगर संस्थान की पहली महिला निदेशक के रूप में इतिहास रचा है! उनके शैक्षणिक सफर और संस्थान के बारे में जानने के लिए लेख पढ़ें।

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Vaishali Garg
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Seema Paroha

Seema Paroha Becomes First Female Director of National Sugar Institute (Image Credit: National Sugar Institute Facebook)

Seema Paroha Becomes First Female Director of National Sugar Institute: कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, जो भारत के चीनी उद्योग की आधारशिला है, इस समय गौरवशाली इतिहास रच रहा है। डॉ सीमा परोहा, जो 2014 से ही संस्थान में अपनी शैक्षणिक क्षमता के लिए जानी जाती हैं, अब निदेशक की प्रतिष्ठित भूमिका संभाल रही हैं। यह परंपरा में एक अभूतपूर्व बदलाव है। 88 वर्षों तक इस संस्थान के शीर्ष पद पर केवल पुरुषों का ही कब्जा रहा है, लेकिन डॉ परोहा की बीसवीं निदेशक के रूप में नियुक्ति प्रशासनिक परिवर्तन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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कौन है डॉ सीमा परोहा?

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की स्थापना 1936 में हुई थी और यह देश का एकमात्र चीनी संस्थान है। इससे पहले इस संस्थान के 19 निदेशक रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी महिला को यह पद सौंपा गया है। मध्य प्रदेश में जन्मीं डॉ परोहा ने अपने शैक्षणिक करियर की शुरुआत इंदौर से की और जबलपुर से पीएचडी हासिल की। 

उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से जैव रसायन शास्त्र में एमएससी किया। प्रारंभ में जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य करने के बाद, वह 2014 में कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में जैव रसायन विभाग की प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने नैनो शराब बनाने का कारखाना (Nanobrewery) और आसवन इकाई (Distillation Unit) स्थापित करके तथा प्रयोगशाला का आधुनिकीकरण करके विभाग को नया रूप दिया। उन्होंने संस्थान में एनएबीएल-मान्यता प्राप्त परीक्षण सुविधाओं की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी विशेषज्ञता अल्कोहलिक किण्वन (Alcoholic Fermentation) और वैकल्पिक कच्चे माल जैसे चुकंदर, ज्वार, कसावा और मक्का से इथेनॉल उत्पादन जैसे व्यापक विषयों को शामिल करती है।

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राष्ट्रीय शर्करा संस्थान का संक्षिप्त इतिहास

भारत की जलवायु और कृषि योग्य भूमि के कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा चीनी उद्योग को प्रोत्साहन देने के परिणामस्वरूप भारतीय चीनी समिति की स्थापना हुई। 1920 में, उपरोक्त समिति ने गन्ना और चीनी उत्पादन पर शोध करने के लिए एक अखिल भारतीय संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव रखा। इस सिफारिश को बाद में 1930 में टैरिफ बोर्ड और 1928 में रॉयल कमीशन द्वारा समर्थन प्राप्त हुआ।

संस्थान औद्योगिक किण्वन और अल्कोहल प्रौद्योगिकी (DIFAT), चीनी इंजीनियरिंग (ANSI) (SE) चीनी इंजीनियरिंग में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की एसोसिएटशिप) और चीनी प्रौद्योगिकी (ANSI) (ST) चीनी प्रौद्योगिकी में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की एसोसिएटशिप) में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम प्रदान करता है।

इसके अलावा, एक डिप्लोमा उपरांत चीनी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम (SECC, चीनी इंजीनियरिंग प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम) भी उपलब्ध है।

National Sugar Institute First Female Director Seema Paroha डॉ सीमा परोहा
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