बॉलीवुड में हम हमेशा से देखते आये हैं किस तरह सेक्सिस्म फैला हुआ है। यहाँ हीरो कभी बूढ़े नहीं होते और हीरोइन बुढ़ापे से पहले ही बूढी हो जाती हैं और उनको माँ के रोल मिलने लग जाते हैं। ऐसा ही हाल में रिलीज़ हुई बच्चन पांडेय फिल्म में देखने को मिला। इस फिल्म में लीड रोल में अक्षय कुमार हैं। अक्षय की उम्र 54 साल है और फिल्म में इनकी माँ का किरदार सीमा बिस्वास ने निभाया है जिनकी उम्र 57 साल है।
Sexism In Bachchan Pandey
एक महिला एक्टर को बहुत कम फिल्मों में ही लीड रोल मिल पाते हैं और वो जल्द ही माँ, चाची और बुआ के रोल में आ जाती हैं। इतना ही नहीं उनकी उम्र से कई गुना ज्यादा बड़े रोल मिलने के साथ साथ यह स्क्रीन पर दिखाई भी बहुत कम जाती हैं। बच्चन पांडेय में भी एक्ट्रेस सीमा ने मुश्किल से 5 डायलॉग बोले होंगे।
बॉलीवुड में हमने देखा है कि नयी एक्ट्रेसेस जैसे कि कृति सनोन और दिशा पाटनी को उन हीरो के साथ पार्टनर बनाया जाता है जो कई दशक से एक्टर्स हैं। वहीँ कुछ समय बाद यह इन्हीं एक्टर्स के साइड रोल में भी नज़र आने लगती हैं।
कृति ने बॉलीवुड में सेक्सिस्म को लेकर क्या कहा?
कृति ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया- “बहुत ही कम लोग हैं जो दूसरों को समान रूप से स्क्रीन शेयर साझा करने देते हैं। मैं ऐसी सिचुएशन से भी गुजरी हूँ जहाँ अगर मेरा रोल 60% था और मेल एक्टर का 40% तो ज्यादातर मेल एक्टर ऐसी फिल्म करने को तैयार नहीं थे। कोई भी ऐसा करने को तैयार नहीं था। इसलिए, मुझे स्पष्ट रूप से लगता है कि इन चीजों को थोड़ा बदलने की जरूरत है”।
कृति को ज़्यादातर सैम रोल ही ऑफर होने लगे थे। इसके बारे में बात करते हुए कृति ने बताया- बरेली की बर्फी करने के बाद, उनके पास आने वाली 99% फिल्में ज़्यादातर एक जैसी ही थी- छोटे शहर की फिल्में थीं। पर अब इस मुकाम पर पहुँच कर अच्छा लग रहा है जहाँ लोग मेरे पास आकर पूछ रहे हैं, “आप किस तरह की फिल्म करना चाहती हैं”?