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Photograph: (Unsplash)
महिलाओं और सोने का रिश्ता सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं है, ये एक इमोशनल और फाइनेंशियल बॉन्ड बन चुका है। चाहे त्योहार हो, शादी-ब्याह या कोई खास मौका सोना हमेशा से भारतीय महिलाओं की पहली पसंद रहा है। लेकिन अब, ये सिर्फ एक गहना नहीं, बल्कि एक समझदारी भरा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन चुका है।
₹1.30 लाख तक पहुंच सकता है सोना?
हाल ही में, गोल्डमैन सैक्स जैसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म ने अनुमान जताया है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें ₹1.30 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। ये खबर हर उस महिला के लिए अलार्म की तरह है, जो भविष्य की सुरक्षा और फाइनेंशियल स्वतंत्रता की सोच रखती है।
ऐसे समय में जब बाजार अस्थिर है, रुपए की वैल्यू घट रही है और महंगाई बढ़ रही है गोल्ड एक ऐसा निवेश विकल्प बनकर उभरा है जो न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि मुनाफ़ा भी दिला सकता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या इस बढ़ती कीमत के दौर में महिलाएं सिर्फ गहनों तक सीमित रहें या एक स्मार्ट गोल्ड इन्वेस्टर बनें?
महिलाओं के लिए गोल्डन मौका! बढ़ती कीमतों में कैसे बनाएं स्मार्ट इन्वेस्टमेंट प्लान?
सोना भारत में सांस्कृतिक और भावनात्मक मूल्य रखता है। इसके साथ ही जब महिलाओं की बात आती है तो फिजिकल गोल्ड के अलावा भी महिलाएं बहुत सारे तरीकों से गोल्ड में इन्वेस्टमेंट कर सकती हैं। भारत में सोने में निवेश (Investment in Gold) को लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। चलिए जानते हैं कि बढ़ती कीमतों में कैसे महिलाएं स्मार्ट इन्वेस्टमेंट प्लान बना सकती हैं-
फिजिकल गोल्ड (Physical Gold)
सोने में इन्वेस्ट करने का सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका फिजिकल गोल्ड है। भारतीय महिलाएं ज्यादातर इसी तरीके से ही गोल्ड में इन्वेस्ट करती हैं। इसके लिए कोई Demat अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन फिजिकल गोल्ड को स्टोर करने और चोरी का रिस्क हमेशा ही बना रहता है।
गोल्ड म्यूचुअल फंड
इसमें इन्वेस्ट करने के लिए आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। सोने के भाव में उतर- चढ़ाव होने के बावजूद भी इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)
डिजिटल गोल्ड को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Paytm, PhonePe, या MMTC-PAMP के माध्यम से खरीद सकते हैं। ऐसे में आपको फिजिकल गोल्ड को स्टोर करने की भी कोई चिंता नहीं होती है। यह गोल्ड में इन्वेस्ट करने का मॉडर्न तरीका है जिसमें इन्वेस्टर सुरक्षित तरीके से गोल्ड को खरीद और बेच सकते हैं। इसमें मार्केट रिस्क शामिल होता है।
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs)
गोल्ड ईटीएफ यानि Exchanged Traded Funds है जिसका मतलब स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने वाले सोने के फंड। इसमें ऐसेट मैनेजमेंट और ब्रोकरेज की फीस शामिल होती है। इसके साथ ही आपके पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। इस तरीके से सोने को खरीदना और बेचना बहुत आसान होता है लेकिन मार्केट रिस्क शामिल होता है। गोल्ड ईटीएफ को सोने के भाव सीधे रूप से प्रभावित करते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds)
यह बॉन्ड रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा सरकार की तरफ से जारी किए जाते हैं जो सोने की कीमत से जुड़े होते हैं। इसमें साल का 2.5% ब्याज मिलता है। एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 4 किलोग्राम सोने में इन्वेस्ट कर सकता है। इसमें 8 साल की लॉक-इन अवधि और 5 साल बाद एग्जिट संभव है।