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क्या स्कूल खोलना गलत फैसला है? बैंगलोर के 60 छात्रों को कोरोना हुआ और स्कूल हुआ बंद

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Swati Bundela
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Students In Banglore Got Covid Positive: बैंगलोर के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के एक बोर्डिंग स्कूल के कम से कम 60 स्टूडेंट्स कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया। इनमें से एक छात्र को तेज बुखार था, जिसका लेडी कर्जन और बॉरिंग हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है, जबकि एक अन्य को होम क्वारंटाइन में रखा गया है। ऐसे में सरकार पर सवाल उठ रहें हैं कि क्या अभी बच्चों के लिए स्कूल-कॉलेजों को खोलना, एक सही फैसला है? 

बैंगलोर के 60 स्टूडेंट्स कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर स्कूल को करना पड़ा बंद

श्री चैतन्य गर्ल्स रेजिडेंशियल स्कूल में करीब 60 बच्चो की कोरोना रिपोर्ट  पॉजिटिव आने के हड़कंप मच गया। एक छात्र की हालत गंभी होने के कारण उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है, वहीं एक स्टूडेंट को होम क्वारंटाइन कर दिया गया है। स्कूल के शेष छात्र, जिनमें से सभी अब तक किसी भी तरह के लक्षण से मुक्त हैं, को स्कूल परिसर में एक आइसोलेशन सुविधा में छोड़ दिया गया है। नागरिक निकाय के अधिकारियों ने कहा कि एक निजी स्वास्थ्य सुविधा के कर्मचारी, उन बच्चों देखभाल कर रहे हैं। स्कूल अब बंद कर दिया गया है और 20 अक्टूबर या उसके बाद फिर से खुल सकता है।

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एएनआई ने ट्विटर पर इस खबर को साझा किया और बताया कि स्कूल ने 5 सितंबर को बड़े बच्चों के लिए 22 शिक्षकों और 485 छात्रों सहित 57 पूरी तरह से टीकाकरण कर्मचारियों के साथ ऑफलाइन क्लासेज फिर से शुरू की थीं। 26 सितंबर को, एक छात्रा, जो कथित तौर पर बेल्लारी से आई थी, में बुखार, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण विकसित होने लगे, जिसके बाद उसे कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।

https://twitter.com/ANI/status/1443065880741515264?s=20

इसी तरह, कोलार जिले में, एक स्कूल के लगभग 12 छात्रों को कोविड पॉजिटिव पाया गया था, दो और स्कूलों के छह छात्र भी संक्रमित पाए गए थे। राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह शत-प्रतिशत छात्रों के साथ शारीरिक कक्षाओं की अनुमति दी थी। अब ऐसे में, सरकार का ऑफलाइन क्लासेज के लिए अनुमति देना कहाँ तक ठीक है?

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Students In Banglore Got Covid Positive: स्कूलों में ऑफलाइन मोड से क्लासेज लेना खतरनाक साबित हो सकता है 

हाल ही में बैंगलोर और भारत के अन्य राज्यों में स्कूलों को खोलने कि अनुमति दे दी गयी है। हालांकि, स्कूलों के री-ओपनिंग के लिए सरकार ने कई सख्त गाइडलाइन्स जारी की थीं, जिनका पालन करते हुए, आवासीय स्कूलों से लेकर नार्मल स्कूलों में फिजिकल मोड से पढ़ाई करने की इज़ाज़त मिल गयी थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, सरकार के इस फैसले पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

ऐसे में क्या स्कूलों को दुबारा खोलना एक गलत फैसला नहीं है? या फिर हमें और भी अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है। दिल्ली और यूपी के कई क्षेत्रों में कोविड-19 के नॉर्म्स को फॉलो करते हुए, 12वीं और 10वीं के क्लासेज को फिजिकल मोड पर कर दिया गया है। वहीं छोटे बच्चों की क्लासेज के लिए 50प्रतिशत स्कूल में ऑफलाइन होगा और बाकि के 50प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन मोड से ही क्लास लेंगे। 

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