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सुनीता विलियम्स (Sunita Williams), जो NASA की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, हाल ही में अपने ऐतिहासिक स्पेस मिशन से वापस लौटी हैं। उनकी यह यात्रा पहले केवल 8 दिनों की होनी थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्होंने 9 महीने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए। यह मिशन न केवल उनके करियर के लिए, बल्कि स्पेस टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया? Microgravity, Bone Density Loss, और Vision Changes जैसी शारीरिक समस्याओं से लेकर मानसिक मजबूती तक, सुनीता विलियम्स की यह यात्रा कई अद्भुत तथ्यों से भरी हुई है। इसके अलावा, उनकी वापसी प्रक्रिया, स्पेसक्राफ्ट की तकनीकी दिक्कतें, और उनके परिवार की प्रतिक्रियाएँ भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
सुनीता विलियम्स की इस स्पेस यात्रा से जुड़ी 10 रोचक बातें जो आपको चौंका देंगी
अनियोजित लंबा प्रवास: सुनीता और उनके साथी बुच विल्मोर (Butch Wilmore) की यह यात्रा केवल 8 दिनों की होनी थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 9 महीने बिताने पड़े।
बोइंग स्टारलाइनर की तकनीकी दिक्कतें: उनका मिशन बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से था, जिसमें हीलियम रिसाव और प्रणोदन प्रणाली की समस्याएँ आईं, जिससे उनकी वापसी में देरी हुई।
स्पेसएक्स ड्रैगन से वापसी: लंबे इंतजार के बाद, सुनीता और उनकी टीम स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल से पृथ्वी पर लौटे, जो फ्लोरिडा के तट पर सफलतापूर्वक उतरा।
17 घंटे की वापसी यात्रा: पृथ्वी पर लौटने में उन्हें 17 घंटे लगे, जबकि रूस के सोयुज यान से यह यात्रा केवल 3.5 घंटे में पूरी होती है।
डॉल्फ़िन का स्वागत: उनकी लैंडिंग के समय मेक्सिको की खाड़ी में डॉल्फ़िन्स ने उनका स्वागत किया, जो एक अद्भुत दृश्य था।
परिवार की प्रार्थना: उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अहमदाबाद में उनके चचेरे भाई दिनेश रावल ने विशेष 'यज्ञ' का आयोजन किया था।
शारीरिक चुनौतियाँ: लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने के बाद, पृथ्वी पर लौटने पर उन्हें मिचली, खड़े होने में कठिनाई और अन्य शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
मानसिक मजबूती: इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के बावजूद, सुनीता ने अपनी मानसिक मजबूती से सभी चुनौतियों का सामना किया।
वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान: उनके इस लंबे प्रवास ने वैज्ञानिकों को माइक्रोग्रैविटी के प्रभावों पर महत्वपूर्ण डेटा प्रदान किया।
प्रेरणादायक व्यक्तित्व: सुनीता विलियम्स की यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति उत्सुक हैं।
सुनीता विलियम्स की यह यात्रा न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह मानव धैर्य, साहस और अन्वेषण की असीम इच्छाशक्ति का प्रतीक भी है।