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क्यों सुप्रीम कोर्ट ने रेप के 34 साल बाद महिला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की रद्द?

सुप्रीम कोर्ट ने अपराध के 34 साल बाद एक मुस्लिम महिला द्वारा हिंदू पुरुष के खिलाफ दर्ज कराई गई बलात्कार की एफआईआर को रद्द कर दिया है। महिला का आरोप है कि साल 1982 में जब वह नाबालिग थी तो उस शख्स ने उसके साथ रेप किया था।

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Priya Singh
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Supreme Court(Punjab Kesari)

(Image Credit - Punjab Kesari)

Why Supreme Court Cancel FIR lodged By Woman 34 Years After The Rape?: सुप्रीम कोर्ट ने अपराध के 34 साल बाद एक मुस्लिम महिला द्वारा हिंदू पुरुष के खिलाफ दर्ज कराई गई बलात्कार की एफआईआर को रद्द कर दिया है। महिला ने आरोप लगाया कि वर्ष 1982 में जब वह नाबालिग थी तो उस व्यक्ति ने उसके साथ बलात्कार किया था। वर्ष 1983 में कथित बलात्कार से उसने एक बेटे को भी जन्म दिया। हालांकि, व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और दायर एफआईआर को चुनौती दी। 2016 में असम में यह कहते हुए कि यह "सहमति से बना रिश्ता" था। यह जानने के लिए पढ़ें कि अदालत ने एफआईआर को क्यों खारिज कर दिया।

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क्यों सुप्रीम कोर्ट ने रेप के 34 साल बाद महिला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की रद्द?

रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने 2016 में असम में एक एफआईआर दर्ज की थी, जिस पर कामरूप जिला न्यायालय और गौहाटी उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। अदालतों ने एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया। इसके बाद आरोपी व्यक्ति अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट चला गया। वहीं, कुछ दिन पहले बीआर गवई और संदीप मेहता की अध्यक्षता वाली पीठ ने एफआईआर को रद्द करते हुए शख्स के पक्ष में फैसला सुनाया था।

कोर्ट ने क्या कहा?

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अदालत ने कहा कि संविधान शायद ही कभी किसी एफआईआर को रद्द कर सकता है लेकिन जिस मामले पर फिलहाल विचार किया जा रहा है वह खारिज करने लायक है।

पीठ ने कहा कि अपराध घटित होने के 34 साल बाद एफआईआर दर्ज करना और उसके समर्थन में यह "नीरस" बयान देना कि घटना के समय महिला नाबालिग थी, एफआईआर को रद्द करने का आधार बन गया। अदालत ने आगे कहा, "एफआईआर में इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि महिला 34 साल की लंबी अवधि तक चुप क्यों रही।"

इसके अलावा, अदालत ने पुरुष बच्चे के जन्म से बलात्कार की पुष्टि करने की महिला की कोशिश को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पुरुष सभी आवश्यक चीजें प्रदान करके लड़के की देखभाल कर रहा है।

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"रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से पता चलता है कि संबंध सहमति से था, क्योंकि उक्त रिश्ते से पैदा हुए बेटे को आदमी ने अपने बेटे के रूप में माना है और नकद धन सहित सभी सुविधाएं उसे प्रदान की गई हैं।" जस्टिस गवई ने बयान में कहा।

पुलिस ने क्या कहा?

कोर्ट के अलावा पुलिस ने भी दावा किया कि एफआईआर में कुछ गड़बड़ है। पुलिस ने दावा किया कि एफआईआर के पीछे संपत्ति विवाद और व्यक्ति की संपत्ति का लालच था। शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने कहा, ''हिंदू व्यक्ति की संपत्ति के लालच में उसके बेटे ने अपनी मां की मदद से 34 साल बाद यह एफआईआर दर्ज कराई है।'' व्यक्ति और उसके बेटे के बीच संपत्ति को लेकर विवाद था।”

Rape supreme court Woman Cancel FIR
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