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Photograph: (Wikipedia)
नेपाल इस समय गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। काठमांडू में हुए तख्तापलट के बाद हालात और भी बिगड़ गए हैं। अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सुशीला कार्की और कुलमान घीसिंग के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं। वहीं, 4 सितंबर को भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ Gen Z युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में हजारों युवाओं ने भाग लिया। प्रदर्शन के दौरान कई लोगों की जान गई और सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया।फिलहाल नेपाल की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है और देश लगातार राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। ऐसे हालात में सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे मज़बूत दावेदार के रूप में सामने आया है। चलिए, अब जानते हैं सुशीला कार्की के बारे में
क्या सुशीला कार्की बनेंगी नेपाल की अगली अंतरिम प्रधानमंत्री? जानिए उनके बारे में
बचपन और पढ़ाई
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर, नेपाल में हुआ। उन्होंने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री ली। इसके बाद 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। साल 1979 में उन्होंने वकालत शुरू की।
न्यायपालिका में काम
साल 2009 में वे नेपाल सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं। 2016 से 2017 तक वे नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं। अपने काम के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए और कई बड़े नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ फैसले सुनाए। लोग उन्हें ईमानदार और निडर मानते हैं।
महाभियोग का मामला
2017 में उन पर आरोप लगाया गया कि वे सरकार के मामलों में दखल देती हैं। इसके बाद उन पर महाभियोग लगाया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट और जनता के समर्थन से यह प्रस्ताव वापस हो गया। इस घटना के बाद उनकी छवि और भी मज़बूत बनी।
राजनीति में नई शुरुआत
हाल ही में नेपाल में "Gen Z" आंदोलन और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सबसे आगे आया। युवाओं और अलग-अलग राजनीतिक दलों का मानना है कि वे ईमानदार और मज़बूत नेता हैं, जो देश को सही दिशा दे सकती हैं।
प्रेरणादायक सफर
उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार कर लिया है और अब जल्द ही अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगी। न्यायपालिका से लेकर देश के सबसे बड़े राजनीतिक पद तक उनकी यह यात्रा सचमुच प्रेरणा देने वाली है।