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Photograph: (Richard A. Brooks/AFP/Getty Images))
जापान की नई चुनी गई प्रधानमंत्री साने ताकाइची का कहना है कि वह रोज़ सिर्फ दो से चार घंटे ही सो पाती हैं। इस बीच उन पर ज़्यादा काम की संस्कृति को बढ़ावा देने के आरोप भी बढ़ रहे हैं।
उनका यह बयान तब आया जब उन्होंने संसद सत्र की तैयारी के लिए रात 3 बजे अपने स्टाफ की मीटिंग बुलाई। इस कदम ने एक बार फिर उनके काम करने के तरीके और नेतृत्व शैली पर सवाल खड़े कर दिए।
जापान की नई PM ने 3 बजे मीटिंग बुलाई, बोलीं - मैं रोज़ सिर्फ 2–4 घंटे सोती हूँ
“मैं अभी लगभग दो घंटे सोती हूँ, ज़्यादा से ज़्यादा चार। यह मेरी स्किन के लिए भी अच्छा नहीं है,” उन्होंने एक समिति के सामने कहा, जब उनसे जापान में लंबे काम के घंटों और सुधार की ज़रूरत पर सवाल पूछा गया।
जापान में लंबे समय से काम का भारी दबाव और खराब वर्क-लाइफ बैलेंस एक बड़ी समस्या रहा है। यहाँ तक कि “करोशी” यानी “अत्यधिक काम से मौत” जैसा शब्द भी बहुत प्रसिद्ध हो चुका है।
जापान की संसद में सांसदों ने उनसे यह भी पूछा कि सरकार आर्थिक वृद्धि के नाम पर ओवरटाइम की कानूनी सीमा बढ़ाने पर विचार क्यों कर रही है। ताकाइची ने दलील दी कि हर कर्मचारी की स्थिति अलग होती है। कई लोग एक से ज़्यादा काम करते हैं, जबकि कई कंपनियाँ ओवरटाइम पर सख़्त नियम लगाती हैं।
AFP के अनुसार उन्होंने कहा, “किसी भी बदलाव के बाद भी कर्मचारियों की सेहत की सुरक्षा बनी रहेगी। आदर्श रूप से लोगों को बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल, काम, फ्री टाइम और आराम - सब कुछ अपने हिसाब से संभालने की सुविधा मिलनी चाहिए।”
जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री
21 अक्टूबर 2025 को साने ताकाइची जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। वह लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की भी पहली महिला अध्यक्ष हैं। पूर्णकालिक राजनीति में आने से पहले, वह विधायी सहायक, प्रसारक और लेखिका के रूप में काम कर चुकी हैं।
साने ताकाइची को आम तौर पर एक रूढ़िवादी या बेहद रूढ़िवादी नेता माना जाता है। वह खुलकर यह मानती हैं कि मेहनत लगातार और बिना रुके होनी चाहिए।
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि वह अपने लिए “वर्क-लाइफ बैलेंस जैसी सोच को छोड़ देंगी” और बस “काम, काम, काम, काम और काम” करती रहेंगी।
तब से उनके कार्यक्रम लगातार व्यस्त रहे हैं। क्षेत्रीय दौरों से लेकर कई अहम नेताओं से मुलाकात तक। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-Myung से मुलाकातें शामिल हैं।
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