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अफ़ग़ानिस्तान ने महिलाओं को पढाई को लेकर क्या कहा?
तालिबान के हायर एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि अब से महिलाओं को यूनिवर्सिटी में पड़ने की परमिश दी जा रही है लकिन मिक्स्ड क्लासेज को लेकर अभी भी बैन रहेगा। 15 अगस्त को तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया था और इसके कुछ दोनों बाद इन्होंने इस कंट्री का नाम भी बदल दिया था। तालिबान में हमेशा से महिलाओं के अधिकारों को दबाने के प्रयास किए गए हैं फिर चाहे वो बुरखे को लेकर हो या फिर पढाई को लेकर।
तालिबान का उनके रुल को लेकर क्या कहना है?
तालिबान के एक्टिंग मिनिस्टर का नाम अब्दुल बाक़ी हक़्क़ानी है और इन्होंने कहा कि यह देश में एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जो इस्लामिक, नेशनल और हिस्टोरिकल वैल्यूज को फॉलो करे और दूसरे देशों को भी टक्कर दे सके। इन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ने का फैसला तो किया है लेकिन इस्लामिक लॉ के अंतर्गत।
कुछ समय पहले तालिबान ने ऐलान किया है कि अब सभी महिला डॉक्टर्स और वर्कर्स अपने काम पर वापस लग जाएं। सुहैल शाहीन ने ट्वीट किया की सभी मिनिस्ट्री ऑफ़ पब्लिक हेल्थ की महिला कर्मियों के अच्छे से अपनी जॉब पर वापस जाने को कहा जा रहा है। इन्होंने कहा कि इस्लामिक एमिरेट को जॉब पर वापस जाने से कोई भी परेशानी नहीं है। इसके अलावा इन्होंने यह भी कहा कि जब तक प्रॉपर सिक्योरिटी सिस्टम नहीं हो जाता है तब तक महिलाएं अपनी सेफ्टी के लिए घर पर रहे और सिक्योरिटी सिस्टम प्रॉपर होने के बाद महिलाएं अपने काम पर वापस जा सकती हैं।