तालिबान का महिलाओं और लड़कियों पर जुर्म अभी भी चालू है। हाल में ही इन्होंने महिलाओं को कॉलेज में बिना बुर्खा के जाने से मनाही की है। यह मामले एक अफ़ग़ानिस्तान की बदख़्शान यूनिवर्सिटी से सामने आयी है। कुछ लड़कियों को कॉलेज के गेट के बाहर ही खड़ा रहना पड़ा और यूनिवर्सिटी में एंट्री नहीं दी गयी थी। इसका कारण था तालिबान के कुछ नियम जैसे बुर्खा पहनने का पालन न करना।
तालिबान ने 6th क्लास के बाद से लड़कियों की स्कूल जाने पर भी रोक लगायी है। बदख़्शान यूनिवर्सिटी के प्रेजिडेंट नक़ीबुलाह क़ज़्ज़ादा ने कहा कि तालिबान का लड़कियों पर इस तरीके से रोक टोक करने पर ध्यान दिया जाएगा।
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान ने 15 अगस्त को कब्ज़ा कर लिया था और तब से ही यह वहां पर इनकी सोच के हिसाब से बदलाव ला रहे हैं। इससे पहले तालिबान ने 20 साल पहले अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा किया था और अब एक बार फिर कर लिया है।
कुछ समय पहले अफ़ग़ानिस्तान में एक स्टेटमेंट रिलीज़ किया है। इसके हिसाब से हर एक महिला कर्मचारी को खुदको ढंककर रखना जरुरी है। यह अपने आप को लूज़ शाल या फिर कम्बल किसी से भी ढंककर रखे जब भी पब्लिक में जाती हैं ऐसा तालिबान का कहना है।
तालिबान ने यह भी कहा है कि अगर कोई भी महिला ऐसा नहीं करती है तो वो अपनी नौकरी से हाँथ भी धो सकती है। तालिबान की धार्मिक पुलिस ने यह फैसला लिया है।
मिनिस्ट्री ऑफ़ विरचु और प्रिवेंशन ऑफ़ वाईस ने ऐसा कहा है कि महिलाएं बिना ढंके काम पर नहीं जा सकती हैं इनको पहले खुद को अच्छे से कवर करना होगा फिर ही काम पर जाना होगा, और अगर ऐसा नहीं होता है तो इनको नियमों के उलंघन करने के कारण से नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
इससे पहले दुकानदारों को आर्डर दिए हैं कि वो दूकान में रखे जाने वाले पुतलों के सर हटड़े क्योंकि वो एक इस्लामिक नहीं हैं। तालिबान का कहना है कि हम स्टेचू यानि पुतले की पूजा करते हैं इस्लाम की किताब के हिसाब से। इसलिए इनके ऊपर ऐसे कपडे बेंचने के लिए नहीं लगाना चाहिए। इन्होंने इसके कारण सभी पुतलों के सर हटाने के आर्डर दिए हैं। अब सर ढंककर भी काम नहीं चलेगा और सर हटाना ही पड़ेगा वरना इनके खिलाफ स्ट्रिक्ट एक्शन लिए जाएंगे। दुकानदारों का कहना है कि इसके कारण से इनको कई नुकसान झेलने पड़ रहे हैं और इनकी सेल्स भी बहुत कम हो गयी है।
मर्जीअ बकरहाइल जो कि अफ़ग़ान की महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ती हैं का कहना है कि यह बहुत ही बचकानी हरकत है। ऐसी हरकतें एक सरकार को शोभा नहीं देती हैं और इससे इनका बुरा चेहरा साफ़ दिख रहा है। इन्होंने कहा ” तालिबान एक पुतले को भी सेहन नहीं करपा रहे हैं यह महिलाओं की आवाज को कैसे सुनेंगे।”