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यौन उत्पीड़न गाइडलाइंस - तमिलनाडु में यौन उत्पीड़न को लेकर कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में ऑनलाइन के एक फैकेल्टी मेंबर ने ऑनलाइन क्लास के दौरान लड़कियों के साथ बदतमीजी करने की कोशिश की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। वहीं सरकार लगातार यौन उत्पीड़न के मामलों को देखते हुए कुछ गाइडलाइन जारी किए हैं।
यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए ये नियम ऑनलाइन कक्षाओं के लिए तमिल नाडु में सभी जगह लागू होंगे। कोरोनावायरस के कारण हर जगह ऑनलाइन क्लास चल रहा है, इसमें ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसलिए तमिलनाडु की सरकार ने ऑनलाइन क्लास के दौरान होने वाले ऐसे मामलों को रोकने के लिए यह फैसला लिया है।
गाइडलाइंस के अनुसार छात्रों की सुरक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में दो शिक्षक, मैनेजमेंट रिप्रेजेंटेटिव, प्रिंसिपल, नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल होंगे। पैरंट टीचर बॉडी के सदस्य को भी अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। हालांकि अभी यह ऑप्शन है कि बाहरी व्यक्ति को शामिल किया जाएगा कि नहीं।
साइड लाइंस के अनुसार कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें शिक्षक, मैनेजमेंट रिप्रेजेंटेटिव, प्रिंसिपल और नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल होंगे। यह कमेटी यौन उत्पीड़न से जुड़े आने वाले समस्याओं पर लगातार नजर रखेगी और उनकी निगरानी भी करेगी। स्कूलों के परिसर में सेफ्टी बॉक्स लगाए जाएंगे और प्रतिक्रियाओं की निगरानी समिति द्वारा की जाएगी।
मौखिक शिकायत आने पर समिति के द्वारा उससे अलग रजिस्टर में दस्तावेज किया। कोई भी शिकायत आने पर उसे स्टेट सेल को जानकारी देनी होगी।
कॉल करने वालों या पूछताछ करने वालों से बात करने के लिए नोडल सेंटर में टीम को ट्रेन किया जाएगा। इन कॉलों को गोपनीय रखते हुए रिकॉर्ड किया जाएगा। स्कूलों के लिए पोक्सो एक्ट के प्रावधानों की व्यापक समझ हासिल करना भी अनिवार्य है।
इसके अलावा भी और कई गाइडलाइन है। इसमें प्रकृति और छात्र दोनों को उचित रूप से तैयार होकर ही क्लास लेना होगा। सभी ऑनलाइन कक्षाओं को रिकॉर्ड किया जाएगा और समय-समय पर ऑडिट किया जाएगा।
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि सभी स्कूलों को जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 15 नवंबर से 22 नवंबर तक 'बाल शोषण रोकथाम सप्ताह' का आयोजन करना होगा।
यौन उत्पीड़न गाइडलाइंस
किन पर लागू होंगे यह गाइडलाइंस ?
यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए ये नियम ऑनलाइन कक्षाओं के लिए तमिल नाडु में सभी जगह लागू होंगे। कोरोनावायरस के कारण हर जगह ऑनलाइन क्लास चल रहा है, इसमें ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसलिए तमिलनाडु की सरकार ने ऑनलाइन क्लास के दौरान होने वाले ऐसे मामलों को रोकने के लिए यह फैसला लिया है।
कमेटी का गठन किया जाएगा
गाइडलाइंस के अनुसार छात्रों की सुरक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में दो शिक्षक, मैनेजमेंट रिप्रेजेंटेटिव, प्रिंसिपल, नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल होंगे। पैरंट टीचर बॉडी के सदस्य को भी अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। हालांकि अभी यह ऑप्शन है कि बाहरी व्यक्ति को शामिल किया जाएगा कि नहीं।
कैसे करेगी यह कमेटी काम
साइड लाइंस के अनुसार कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें शिक्षक, मैनेजमेंट रिप्रेजेंटेटिव, प्रिंसिपल और नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल होंगे। यह कमेटी यौन उत्पीड़न से जुड़े आने वाले समस्याओं पर लगातार नजर रखेगी और उनकी निगरानी भी करेगी। स्कूलों के परिसर में सेफ्टी बॉक्स लगाए जाएंगे और प्रतिक्रियाओं की निगरानी समिति द्वारा की जाएगी।
मौखिक शिकायत आने पर समिति के द्वारा उससे अलग रजिस्टर में दस्तावेज किया। कोई भी शिकायत आने पर उसे स्टेट सेल को जानकारी देनी होगी।
इन कमेटी को किया जाएगा ट्रेन
कॉल करने वालों या पूछताछ करने वालों से बात करने के लिए नोडल सेंटर में टीम को ट्रेन किया जाएगा। इन कॉलों को गोपनीय रखते हुए रिकॉर्ड किया जाएगा। स्कूलों के लिए पोक्सो एक्ट के प्रावधानों की व्यापक समझ हासिल करना भी अनिवार्य है।
यह है अन्य गाइडलाइंस
इसके अलावा भी और कई गाइडलाइन है। इसमें प्रकृति और छात्र दोनों को उचित रूप से तैयार होकर ही क्लास लेना होगा। सभी ऑनलाइन कक्षाओं को रिकॉर्ड किया जाएगा और समय-समय पर ऑडिट किया जाएगा।
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि सभी स्कूलों को जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 15 नवंबर से 22 नवंबर तक 'बाल शोषण रोकथाम सप्ताह' का आयोजन करना होगा।
यौन उत्पीड़न गाइडलाइंस