/hindi/media/media_files/2025/04/10/LddvPRUPjq8ihtLi9eAI.png)
Photograph: (Booker Prize & AIR )
Book Of Banu Banu Mushtaq Has Been Shortlisted For Booker Prize: कर्नाटक की लेखिका, कार्यकर्ता और वकील बानु मुश्ताक की शॉर्ट स्टोरी कलेक्शन "हार्ट लैम्प" को इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार 2025 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। । इस बार 6 किताबों को शॉर्ट लिस्ट किया गया है जिनमें से 5 नॉवेल और एक शॉर्ट स्टोरी कलेक्शन है। 20 मई को लंदन के टेट मॉडर्न में आयोजित एक समारोह में बुकर प्राइज विजेता की घोषणा की जाएगी। यह उनके लिए बहुत गर्व की बात है।
जानिए Booker Prize 2025 में Banu Mushtaq की किस किताब को शॉर्ट लिस्ट किया गया?
8 अप्रैल, 2025 को 'हार्ट लैंप' को इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया। उनकी इस कलेक्शन में 12 कहानियां हैं। इस किताब को मूल रूप से कन्नड़ा में लिखा गया है। इसकी आधिकारिक जानकारी बुकर प्राइज की वेबसाइट पर गई है। बानु मुश्ताक ने इस किताब में महिलाओं से जुड़ी कहानियों के बारे में बात की है। उनकी इस किताब को दीपा भास्थी द्वारा कन्नड़ से अंग्रेजी में अनुवादित किया गया है।
किताब की प्रेरणा
Booker Prize के साथ हुई इंटरव्यू में बानु मुश्ताक ने इस किताब के पीछे की प्रेरणा के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "मेरी कहानियाँ महिलाओं के बारे में हैं - कैसे धर्म, समाज और राजनीति उनसे बिना सवाल किए हर बात मानने को कहते हैं, और ऐसा करके उन पर अमानवीय क्रूरता थोपते हैं, उन्हें सिर्फ़ अधीन बना देते हैं। मीडिया में रोज़ की खबरें और मेरे निजी अनुभव मेरी प्रेरणा हैं। इन महिलाओं का दर्द, पीड़ा और लाचार जीवन मुझे भावुक कर देता है और लिखने के लिए मजबूर करता है।
बानु मुश्ताक के बारे में जानिए
बानु मुश्ताक का जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ है। वह कन्नड़ भाषा में लिखती हैं लेकिन उनका काम अन्य भाषाओं में भी अनुवाद होता है। अपने लेखन के लिए बानु को साहित्यिक कर्नाटक साहित्य अकादमी और दाना चिंतामणि अत्तिमब्बे पुरस्कार जैसे बड़े सम्मान मिले हैं। मुश्ताक का लेखन करियर तीन दशक 1990-2023 लंबा है।
उनकी किताब के बारे में जानिए
Heart Lamp इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार 2025 के लिए शॉर्टलिस्ट हुई है। यह किताब कन्नड़ में लिखी गई है जिसमें 12 कहानियां हैं। इसके साथ ही यह बानु मुश्ताक पहली किताब है जो अंग्रेजी में अनुवादित हुई है। इससे पहले इस किताब को उर्दू, हिंदी, तमिल और मलयालम में अनुवादित किया गया था। Heart Lamp की एक कहानी पेरिस रिव्यू में प्रकाशित हो चुकी है। इस किताब में बानू मुश्ताक ने दक्षिण भारत की मुस्लिम समुदायों की महिलाओं और लड़कियों के रोजाना जीवन के बारे में बात की है।